Golden Temple: स्वर्ण मंदिर में गुरुग्रंथ साहिब की बेअदबी की कोशिश, लोगों ने युवक को पीट-पीटकर मार डाला
गोल्डन टेम्पल देश के सबसे प्रतिष्ठित धार्मिक केंद्रों में से एक है. यहां भारतीय पर्यटकों के साथ साथ यहां विदेशी पर्यटकों को भी बड़ी संख्या में घूमने आते हैं. गोल्डन टेम्पल ने पंजाब के स्वर्णिम इतिहास में एक अभिन्न भूमिका निभाई है. गोल्डन टेम्पल का निर्माण 1581 में शुरू हुआ और इसका काम पूरा करने में लगभग आठ साल लग गए.
अमृतसर: शनिवार को अमृतसर (Amritsar)के गोल्डन टेम्पल (Golden Temple) में एक युवक अवैध तरीके से घुस गया. युवक ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब (Sri Guru Granth Sahib) की बेअदबी करने की कोशिश की जिसके बाद लोगों ने उसको पीट-पीटकर मार दिया. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के रहने वाले इस युवक ने गोल्डन टेम्पल में गुरु ग्रंथ साहिब का अपमान करने की कोशिश की थी. मिली जानकारी के अनुसार युवक ने सचखंड साहिब के अंदर बने घेरे को पार कर वहां रखी तलवार भी उठा ली थी, जिसके बाद वहां मौजूद सेवादारों ने उसे दबोच लिया. Golden Temple: सेवादार की आटा गूंथने वाली मशीन से मौत
युवक को पकड़ कर वहा से बाहर लाया गया. इस दौरान उस व्यक्ति की जमकर पिटाई की गई. पिटाई में आरोपी युवक की मौत हो गई. रिपोर्ट की माने तो युवक किसी बेअदबी की घटना को अंजाम देने वाला था लेकिन वहां मौजूद सेवादारों ने उसे पकड़ लिया और उसे शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के कार्यालय में ले गए. जिसके बाद आक्रोशित भीड़ ने युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी. पुलिस अब इस बात की जानकारी जुटा रही है कि वह शख्स कौन था और उसका मकसद किया था. बता दें कि गोल्डन टेम्पल में रोजाना हजारों की संख्या में श्रद्धालु स्वर्ण मंदिर घूमने आते हैं.
गोल्डन टेम्पल में सचखंड साहिब के अंदर शनिवार शाम करीब 6 बजे रहरास चल रहा था. यहां सुरक्षा के लिए एक जंगला बना हुआ है. कतार में खड़े युवक ने अपनी बारी आने पर सचखंड साहिब के अंदर पहुंचा और अचानक जंगले को पार करते हुए गुरु ग्रंथ साहिब की ओर बढ़ने लगा. इससे पहले 15 दिसंबर को गोल्डन टेंपल में एक युवक ने गुटका साहिब पवित्र सरोवर में फेंक दिया था. जिसके बाद एसजीपीजी के सेवादारों ने युवक को मौके पर ही पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया था.
गोल्डन टेम्पल देश के सबसे प्रतिष्ठित धार्मिक केंद्रों में से एक है. यहां भारतीय पर्यटकों के साथ साथ यहां विदेशी पर्यटकों को भी बड़ी संख्या में घूमने आते हैं. गोल्डन टेम्पल ने पंजाब के स्वर्णिम इतिहास में एक अभिन्न भूमिका निभाई है. गोल्डन टेम्पल का निर्माण 1581 में शुरू हुआ और इसका काम पूरा करने में लगभग आठ साल लग गए. मंदिर को गोल्डन टेम्पल इसलिए भी कहा जाता है क्योंकि यहां 24 कैरेट की परत का इस्तेमाल किया गया है.