Bombay HC ने कहा- लड़की से दोस्‍ती शारीरिक संबंध की सहमति नहीं

बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा है कि किसी लड़की की लड़के से दोस्ती करने को यौन संबंध की सहमति नहीं माना जा सकता है. बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि, सिर्फ इसलिए कि किसी लड़के के साथ किसी लड़की के दोस्ताना संबंध है, वह लड़के को लड़की की सहमति के तौर पर शारीरिक संबंध बनाने की अनुमति नहीं देता है.

बंबई उच्च न्यायालय (Photo: Wikimedia Commons)

मुंबई: बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा है कि किसी लड़की की लड़के से दोस्ती करने को यौन संबंध की सहमति नहीं माना जा सकता है. बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि, सिर्फ इसलिए कि किसी लड़के के साथ किसी लड़की के दोस्ताना संबंध है, वह लड़के को लड़की की सहमति के तौर पर शारीरिक संबंध बनाने की अनुमति नहीं देता है. 24 जून को परित किए गए एक आदेश में जस्टिस भारती डांगरे की अध्यक्षता वाली बेंच ने केवल दोस्ती के आधार पर किसी लड़के द्वारा लड़की से साथ शारीरिक संबंध बनाने को लेकर टिप्पणी की थी. Mumbai: पत्नी का अपमान करना पति को पड़ा भारी, एक साल की सजा के साथ लगा 10 हजार का जुर्माना.

बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान यह फैसला सुनाया है. दरअसल एक आरोपी ने एक महिला से दोस्ती की, फिर शादी का झांसा देकर उससे शारीरिक संबंध बनाए. जिससे वह गर्भवती हो गई. आरोपी ने बॉम्बे हाई कोर्ट में इस मामले के संबंध में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की थी. जिसे बाद में बॉम्बे हाई कोर्ट ने यह अहम फैसला सुनाते हुए खारिज कर दिया.

महिला की शिकायत के मुताबिक, उसकी आरोपी से दोस्ती थी. आरोपी ने उससे शादी करने का वादा करते हुए यौन संबंध बनाने के लिए कहा. जब वह नहीं मानी तो व्यक्ति ने उसके साथ 'जबरदस्ती' की. बाद में जब वह गर्भवती हो गई तो उसने शादी करने से इनकार कर दिया.

कोर्ट में आरोपी की तरफ से कहा गया कि महिला ने अपनी सहमति से उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए थे. आरोपी ने गिरफ्तारी से भी राहत देने की अपील की. रिहाई की अपील पर जस्टिस डांगरे ने कहा कि किसी लड़की के साथ सिर्फ दोस्ताना रिश्ता होने से किसी लड़के को उसे हल्के में लेने की और इसे उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने की इजाजत नहीं मिल जाती.

बेंच ने आगे कहा कि चकोर के खिलाफ आरोपों की पुलिस द्वारा जांच की जानी चाहिए ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या महिला को शारीरिक संबंध के लिए अपनी सहमति देने के लिए मजबूर किया गया था.

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