सर्जिकल स्ट्राइक की निगरानी करने वाले ऑफिसर का बड़ा बयान, कहा- इसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया, इस मुद्दे पर राजनीति ठीक नहीं
भारतीय सेना द्वारा उरी हमले के बदले में की गई सर्जिकल स्ट्राइक पर लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) डी एस हुड्डा ने शुक्रवार को कहा कि सफलता पर शुरुआती खुशी स्वाभाविक है लेकिन अभियान का लगातार प्रचार करना अनुचित है.
भारतीय सेना (Indian Army) द्वारा उरी हमले के बदले में की गई सर्जिकल स्ट्राइक (Surgical Strike) पर लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) डी एस हुड्डा (General retired D S Hooda) ने शुक्रवार को कहा कि सफलता पर शुरुआती खुशी स्वाभाविक है लेकिन अभियान का लगातार प्रचार करना अनुचित है. इस सर्जिकल स्ट्राइक को देशभर में खूब प्रचारित प्रसारित किया गया. पीएम मोदी समेत केंद्र सरकार के लगभग सभी मंत्रियों ने इसका श्रेय खुद को ही दिया. सेना की भी तारीफ हुई लेकिन ज्यादातर वक्त मोदी सरकार ने इसे सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर अपनी ही पीठ थपथपाई. अब ऐसे में सेना के उस ऑपरेशन की निगरानी करने वाले रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा है कि, “ये सर्जिकल स्ट्राइक जरूरी तो थी, लेकिन इसका कुछ ज्यादा ही राजनीतिकरण और ढिंढोरा पीटा गया”
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक लेफ्टिनेंट जनरल हुड्डा ने कहा सेना बहुत से ऑपरेशन करती रहती है, लेकिन इन सैन्य अभियानों का इस्तेमाल यदि राजनीतिक फायदा लेने के लिए किया जाए, तो ये देश और सेना दोनों के लिए उचित नहीं है.
उन्होंने कहा कि राजनीतिक और आर्मी के मुद्दों को अलग-अलग ही रखना बेहतर होगा. उन्होंने कहा कि सभी सैन्य ऑपरेशन्स को भी सार्वजनिक करने की जरूरत नहीं होती, लेकिन इस ऑपरेशन की परिस्थितियों ऐसी थी कि इसे सार्वजनिक करना पड़ा. क्या केंद्र सरकार इस ऑपरेशन के लिए राजी थी, इस सवाल के जवाब में लेफ्टिनेंट जनरल हुड्डा ने कहा कि सैन्य अभियानों को चलाना आर्मी का फैसला होता है, लेकिन इस तरह के बड़े अभियानों पर मुहर प्रधानमंत्री ही लगाते हैं.