G Kishan Reddy On Farooq Abdullah: फारूक अब्दुल्ला से केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने पूछा सवाल, क्या लद्दाख में केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा चाहते हैं या धारा 370?
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री रेड्डी लेह में होने जा रहे हिल काउंसिल चुनाव के चुनाव प्रचार के लिए लेह पहुंचे हुए थे. जहां पर उन्होंने फारूक अब्दुल्ला को घेरते हुए कहा कि फारूक अब्दुल्ला कहते हैं कि एनसी और पीडीपी और कांग्रेस और चीन की मदद से धारा 370 लगाया जायेगा और लद्दाख से केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा वापस लेंगे. फारूक अब्दुल्ला के इस बयान पर रेड्डी ने पूछा कि क्या लद्दाख में केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा चाहते हैं या धारा 370?.
श्रीनगर: नेशनल कांफ्रेंस के नेता और जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने अनुच्छेद 370 को लेकर पिछले हफ्ते एक बयान दिया था. उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा था कि जम्मू-कश्मीर में दोबारा अनुच्छेद 370 (Article 370) की बहाली में चीन से मदद मिल सकती है. जम्मू-कश्मीर से चीन की मदद से जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाये जाने वाले बयान पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी (G Kishan Reddy) ने फारूक अब्दुल्ला को घेरने की कोशिश की हैं.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री रेड्डी लेह में होने जा रहे हिल काउंसिल चुनाव के चुनाव प्रचार के लिए लेह पहुंचे हुए थे. जहां पर उन्होंने पूर्व सीएम अब्दुल्ला को घेरते हुए कहा कि फारूक अब्दुल्ला कहते हैं कि नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी और कांग्रेस और चीन की मदद से धारा 370 क़ानून को फिर से लाया जायेगा और लद्दाख से केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा वापस लेंगे. फारूक अब्दुल्ला के इस बयान पर रेड्डी ने पूछा कि क्या लद्दाख में केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा चाहते हैं या धारा 370?. यह भी पढ़े: Prakash Javadekar Attacks on Rahul Gandhi: केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर का बड़ा हमला, कहा- राहुल गांधी को पाकिस्तान और चीन की प्रशंसा करना अच्छा लगता है
बता दें कि केंद्र सरकार ने 5 जुलाई 2019 को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले धारा 370 को खत्म कर जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित राज्य लद्दाख और जम्मू-कश्मीर घोषित कर दिया. जिसके बाद से जम्मू-कश्मीर के नेताओं के साथ ही पाकिस्तान और उसके साथी चीन इसका विरोध कर रहा है. हालांकि, भारत ने पाकिस्तान के साथ ही चीन को उसके आंतरिक मामलों में दखल नहीं देने की चेतावनी दिया हैं.