कैसे हुआ पहलगाम हमलावरों के पाक कनेक्शन का खुलासा? बायोमैट्रिक डेटा से लेकर चॉकलेट रैपर तक सुरक्षाबलों को मिले ये सबूत
28 जुलाई को श्रीनगर के बाहरी इलाके में हुए 'ऑपरेशन महादेव' के दौरान मारे गए तीन आतंकियों की पहचान पाकिस्तान के नागरिकों के रूप में की गई है. सुरक्षा एजेंसियों ने यह पुष्टि बायोमैट्रिक डाटा, पाकिस्तान सरकार द्वारा जारी दस्तावेजों और कई डिजिटल सबूतों के आधार पर की है.
28 जुलाई को श्रीनगर के बाहरी इलाके में हुए 'ऑपरेशन महादेव' के दौरान मारे गए तीन आतंकियों की पहचान पाकिस्तान के नागरिकों के रूप में की गई है. सुरक्षा एजेंसियों ने यह पुष्टि बायोमैट्रिक डाटा, पाकिस्तान सरकार द्वारा जारी दस्तावेजों और कई डिजिटल सबूतों के आधार पर की है. ये तीनों आतंकी लश्कर-ए-तैयबा के सीनियर ऑपरेटिव थे और अप्रैल 2022 से डाचीगाम-हर्वन के जंगलों में छिपे हुए थे.
तीनों आतंकियों की पहचान इस प्रकार हुई. मुख्य निशानेबाज और हमले का मास्टरमाइंड सुलेमान शाह उर्फ फैज़ल जट्ट, A ग्रेड कमांडर और दूसरा शूटर अबू हमजा उर्फ अफगान, A-ग्रेड कमांडर और तीसरा हमलावर यासिर उर्फ जिबरान. इनके पास से NADRA (पाकिस्तान का राष्ट्रीय डेटाबेस) से जुड़ा स्मार्ट-ID डाटा, दो लैमिनेटेड वोटर स्लिप्स (लाहौर और गुजरांवाला निर्वाचन क्षेत्र से), और सैटेलाइट फोन में मिले GPS डाटा समेत कई ठोस सबूत मिले.
पाकिस्तानी चॉकलेट रैपर बना बड़ा सुराग
मारे गए आतंकियों के पास से पाकिस्तान में बनी चॉकलेट ब्रांड CandyLand और ChocoMax के रैपर मिले, जिन पर लिखे बैच नंबर मई 2024 में मुजफ़्फराबाद (PoK) भेजे गए माल के साथ मेल खाते हैं. इससे आतंकियों की पाकिस्तानी सप्लाई चेन की पुष्टि होती है.
डीएनए, हथियार और GPS से मेल
बैसरन हमले की 7.62x39mm गोलियों के खोखे वही थे, जो ऑपरेशन में बरामद AK-103 राइफल से मेल खा रहे थे. पहलगाम में मिले एक फटे कपड़े पर खून के डीएनए से भी तीनों मारे गए आतंकियों की पुष्टि हुई. शाह के पास मिले Garmin GPS डिवाइस में दर्ज लोकेशन ने हमले के सटीक स्थान और रूट की जानकारी दी.
स्थानीय मदद और पाकिस्तान से हैंडलिंग
जांच में पता चला कि दो स्थानीय व्यक्तियों परवेज और बशीर अहमद ने आतंकियों को हमले से एक दिन पहले भोजन और रात में छुपने की जगह दी. वहीं, पाकिस्तान के चांगा मांग (लाहौर) निवासी साजिद सैफुल्ला जट्ट की पहचान आतंकियों के मुख्य हैंडलर के रूप में हुई है, जिनकी आवाज सैटेलाइट कॉल में भी रिकॉर्ड की गई है.
हमले के बाद 29 जुलाई को लश्कर के रावलकोट चीफ रिजवान अनीस ने मारे गए आतंकियों के घर जाकर गायबाना नमाज-ए-जनाजा आयोजित की. इसकी वीडियो रिकॉर्डिंग अब भारत सरकार की आधिकारिक फाइल में शामिल की गई है.