'ऑपरेशन मेघदूत' की अगुवाई करने वाले लेफ्टिनेंट जनरल पीएन हून का निधन, 1984 में पाकिस्तान को चटाई थी धूल

पीएन हून ने करीब चार दशकों तक भारतीय सेना की सेवा की. वे 1987 में वेस्टर्न कमांड के चीफ के रूप में रिटायर हुए थे. पीएन हून ने ही 'ऑपरेशन मेघदूत' की अगुवाई की थी. उनके नेतृत्व में भारतीय सेना ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी सियाचिन पर तिरंगा फहराया था.

'ऑपरेशन मेघदूत' की अगुवाई करने वाले लेफ्टिनेंट जनरल पीएन हून का निधन, 1984 में पाकिस्तान को चटाई थी धूल

भारतीय सेना के पूर्व कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पीएन हून (Lt Gen PN Hoon) का सोमवार को चंडीगढ़ में निधन हो गया. जनरल पीएन हून 90 साल के थे और लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे. उनका अंतिम संस्कार मंगलवार दोपहर 3.30 बजे चंडीगढ़ के सेक्टर 25 के श्मशानघाट में होगा. पीएन हून ने करीब चार दशकों तक भारतीय सेना की सेवा की. वे 1987 में वेस्टर्न कमांड के चीफ के रूप में रिटायर हुए थे. पीएन हून ने ही 'ऑपरेशन मेघदूत' की अगुवाई की थी. उनके नेतृत्व में भारतीय सेना ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी सियाचिन पर तिरंगा फहराया था. 1984 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध में पीएन हून ने अहम रोल निभाया था. सेना से रिटायर होने के बाद पीएन हून ने साल 2013 में बीजेपी ज्वॉइन कर ली थी.

लेफ्टिनेंट जनरल पीएन हून का पिछले दो दिनों से पंचकूला के कमांड अस्पताल में इलाज चल रहा था. डॉक्टरों ने 6 जनवरी शाम 5.30 बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया. पीएन हून का जन्म पाकिस्तान के एबटाबाद में हुआ था, लेकिन बंटवारे के समय उनका परिवार भारत आ गया. 1987 में वे पश्चिमी कमान के प्रमुख के रूप में रिटायर हुए. इसके बाद 2013 में उन्होंने बीजेपी ज्वॉइन कर ली थी.

यह भी पढ़ें- सेना ने 19 साल में ढेर किए 22 हजार आतंकी, पाकिस्तान की हर चाल का दिया मुंहतोड़ जवाब. 

1984 में सियाचिन की छोटी पर फहराया था तिरंगा

पीएन हून ने कई युद्धों में भारत की परचम लहराया. ऑपरेशन मेघदूत जनरल हून की महत्वपूर्ण उपलब्धि थी. 1984 के इस युद्ध में उन्होंने पाकिस्तान को धुल चटाई थी. ऑपरेशन मेघदूत के सफल नेतृत्व ने उन्हें देश का हीरो बना दिया. जनरल हून के नेतृत्व में भारतीय सैनिकों ने सियाचिन में दुर्गम चोटी को वीरता और साहस से पार किया. भारतीय सेना ने सियाचिन की चोटी पर तिरंगा फहराया था.

दुनियाभर में मुश्किल लड़ाइयों में ऑपरेशन मेघदूत का जिक्र किया जाता है. सियाचिन की भौगोलिक बनावट ऐसी है कि भारत की तरफ से सियाचिन की खड़ी चढ़ाई है जबकि पाकिस्तान की तरफ से ये ऊंचाई काफी कम है. उसके बावजूद भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तानी सैनिकों को मात दी. इस भारतीय सैनिकों ने माइनस 60 से माइनस 70 डिग्री के तापमान में सबसे ऊंची पहाड़ियों पर जाकर फतह हासिल की थी.


संबंधित खबरें

Uttarakhand: यमुनोत्री यात्रा मार्ग पर भूस्खलन; एक घायल, दो लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका

Shirdi Saibaba Sansthan: साई भक्तों के लिए खुशखबरी! अब VIP के आने पर नहीं करना होगा इंतजार, शिर्डी में ब्रेक दर्शन व्यवस्था शुरू

Leopard Attack in Bahraich: बहराइच में तेंदुए ने किया बुजुर्ग पर जानलेवा हमला, शोर मचाने पर लोगों ने पहुंचकर बचाई जान, बहराइच जिले का वीडियो आया सामने;VIDEO

आसाराम बापू को मिली अंतरिम जमानत, बीमारी के आधार पर कोर्ट का फैसला

\