नई दिल्ली: केंद्र सरकार के कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ दिल्ली (Delhi) से लगी सीमाओं पर किसानों का विरोध प्रदर्शन (Farmers Protest) आज 72वें दिन भी जारी है. इस बीच टिकरी बॉर्डर (Tikri Border) में दो अलग अलग घटनाक्रमों में दो किसानों की मौत होने की खबर है. मिली जानकारी के मुताबिक एक किसान ने सुसाइड किया है जबकि दूसरे किसान की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है. पुलिस ने दोनों के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया है. Farmers Protests: किसान आंदोलन को लेकर UN मानवाधिकार का ट्वीट, प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ अधिकतम संयम बरते अधिकारी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक टिकरी बॉर्डर पर आज सुबह मोगा जिले के दूरकोट के रहने वाले 60 वर्षीय किसान सुखमिंदर सिंह का दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई. जबकि जींद के दूरकोट के रहने वाले किसान कर्मवीर सिंह ने फांसी लगाकर जान दे दी. इन दोनों घटनाओं से टिकरी बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान बेहद दुखी है. किसानों के परिजनों को भी सूचना दे दी गई है.
आत्महत्या करने वाले किसान कुछ ही दिन पहले ही आंदोलन से जुड़ा था और रात से ही बहुत निराश था. आज सुबह किसान का शव पेड़ से लटका मिला. मौके से मिली सुसाइड नोट में किसान ने लिखा है “भारतीय किसान यूनियन जिंदाबाद. ये मोदी सरकार तारीख पर तारीख देती जा रही है. इसका कोई अंदाजा नहीं है कि ये काले कानून कब रद्द होगा. जब तक यह काले कानून रद्द नहीं होंगे तब तक हम यहां से नहीं जाएंगे.”
उल्लेखनीय है कि हजारों किसान, विशेष रूप से पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों से आये किसान, दो महीने से अधिक समय से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं, जो तीन नये कृषि कानूनों को रद्द करने की और फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी दिये जाने की मांग कर रहे हैं. केंद्र और 41 प्रदर्शनकारी किसान यूनियनों के बीच 11 दौर की वार्ता अभी तक अनिर्णायक रही है, हालांकि केंद्र ने 18 महीनों के लिए कानूनों के निलंबन सहित रियायतें देने की पेश की हैं जिन्हें यूनियनों ने खारिज कर दिया है.