NEET 2020: रिटायर्ड एसबीआई बैंक मैनेजर ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा की पास, सरकारी कॉलेज में MBBS के लिए दाखिला लिया
अगर अप कुछ करने का ठान लें तो सब कुछ संभव है. ऐसा ही कुछ ओडिशा के 64 वर्षीय सेवानिवृत्त बैंक अधिकारी ने किया. स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया के 64 वर्षीय रिटायर्ड मैनेजर ने एनईईटी की एंट्रेस परीक्षा पास कर ली है और राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेज में MBBS डिग्री कोर्स में दाखिला लेने के लिए तैयार है.
अगर अप कुछ करने का ठान लें तो सब कुछ संभव है. ऐसा ही कुछ ओडिशा के 64 वर्षीय सेवानिवृत्त बैंक अधिकारी ने किया. स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया के 64 वर्षीय रिटायर्ड मैनेजर ने एनईईटी की एंट्रेस परीक्षा पास कर ली है और राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेज में MBBS डिग्री कोर्स में दाखिला लेने के लिए तैयार है. ओडिशा के बारगढ़ जिले के अताबीरा के एक 64 वर्षीय सेवानिवृत्त बैंक अधिकारी जय किशोर प्रधान ने चार साल के एमबीबीएस को आगे बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा संचालित मेडिकल कॉलेज वीर सुरेन्द्र साईं इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च (VIMSAR) में दाखिला लिया है. यह वही कॉलेज है जहां उनके पिता ने सालों पहले एनरोल किया था.
प्रधान जो हमेशा डॉक्टर बनने के इच्छुक थे, भारतीय स्टेट बैंक में डिप्टी मैनेजर के पद से रिटायर्ड हुए हैं. किशोर प्रधान ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “मैं 1970 के दशक में अपनी इंटरमीडिएट परीक्षा के बाद मेडिकल प्रवेश परीक्षा में उपस्थित हुआ था, लेकिन मैं इसे क्रैक करने में असफल रहा. उसके बाद में मैंने विज्ञान स्नातक पूरा किया. हालांकि, मैं हमेशा मेडिकल प्रवेश परीक्षा के फिर से ट्राय करना चाहता था और 2016 में बैंक से रिटायर्ड होने के बाद तैयारी शुरू की. यह भी पढ़ें: JKSSB Recruitment 2020: जेकेएसएसबी के 1700 विभिन्न पदों के लिए भर्तियां शुरू, आधिकारिक वेबसाईट jkssb.nic.in पर ऐसे करें अप्लाय
इसके अलावा मैं चिकित्सा विज्ञान का ऋणी हूं. मेरे पिता को इस कॉलेज में भर्ती कराया गया था, जहां मैं 1982 में मूत्र संबंधी अल्सर के लिए अध्ययन कर रहा था. 1987 में उनकी दूसरी सर्जरी हुई थी और आगे के इलाज के लिए वेल्लोर ले जाया गया था. सफल उपचार के परिणामस्वरूप, मेरे पिता जनवरी 2010 तक जीवित रहे ”, उन्होंने आगे कहा.
प्रधान ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रही अपनी जुड़वां बेटियों से मदद ली, उनकी बेटियां फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी में बहुत अच्छी हैं. उनकी बेटियों ने उन्हें एंट्रेंस परीक्षा में ट्राय करने को प्रेरित किया. VIMSAR के निदेशक प्रोफेसर ललित मेहर ने कहा कि प्रधान मेडिकल कॉलेज में प्रवेश लेने वाले सबसे ज्यादा उम्र के छात्र हैं. “यह चिकित्सा शिक्षा के इतिहास में दुर्लभ घटनाओं में से एक है. उन्होंने निश्चित रूप से इतनी ज्यादा उम्र में मेडिकल छात्र के रूप में प्रवेश लेकर एक मिसाल कायम की है.