भारत का बड़ा कदम, नेपाल, रूस और ईरान में भी स्थापित किए गए केंद्रीय विद्यालय
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नई दिल्ली, 15 दिसम्बर: केंद्रीय विद्यालय संगठन के 57 वर्ष पूरे होने पर सोमवार को संगठन का स्थापना दिवस समारोह आयोजित किया गया. केंद्रीय विद्यालय संगठन ने 57 वर्ष पहले 20 विद्यालयों के साथ शुरूआत की थी. आज भारत में 1245 केंद्रीय विद्यालय हैं. नेपाल (Nepal), रूस (Russia) और ईरान (Iran) जैसे देशों में भी केंद्रीय विद्यालय स्थापित किए गए हैं. इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल (Ramesh Pokhriyal) निशंक ने कहा, "एक ओर आईआईटी 'भारत के परिवर्तन' के साधन बन गए हैं, वहीं दूसरी ओर केंद्रीय विद्यालय 'भारत के राष्ट्र विकास' के साधन हैं. नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में केंद्रीय विद्यालयों जैसे शक्तिशाली शैक्षिक संगठनों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होगी."

केंद्रीय विद्यालय संगठन की प्रगति की सराहना करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कम समय में इस प्रकार की उपलब्धि प्राप्त करना इस बात को दिखाता है कि यहां पर काम कर रहे शिक्षक एवं अन्य वरिष्ठ कर्मचारी एक जूनून के साथ शिक्षा के लिए समर्पित हैं. उन्होंने कहा, "इसके अलावा यह बेहद सराहनीय है कि केंद्रीय विद्यालय संगठन ने अपने सिद्धांत 'तत्वम पूषण अपावृणु' का सदैव पालन किया है, क्योंकि आने वाली पीढ़ी को शिक्षा प्रदान करना हर शिक्षक का धर्म है."

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सीबीएसई द्वारा वर्ष 2020 के परीक्षा परिणाम केंद्रीय विद्यालय की शैक्षिक निपुणता को दर्शाते हैं. केंद्रीय विद्यालय संगठन के विद्यालयों ने दसवीं में 99.23 प्रतिशत तथा बारहवीं में 98.62 प्रतिशत परिणाम हासिल किए हैं. निशंक ने कहा, "शिक्षा मंत्रालय, शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए कई शिक्षा सुधारों की शुरूआत कर चुका है. इसमें से एक योग्यता आधारित शिक्षा का उपयोग भी है. मुझे विश्वास है कि भविष्य में आने वाले अन्य सुधारों के तहत केंद्रीय विद्यालय संगठन अन्य स्कूलों के लिए खुद को मेंटर के रूप में मजबूत करेंगे."

इसके अलावा केंद्रीय मंत्री ने कोरोना काल में केंद्रीय विद्यालय संगठन द्वारा तत्परता के साथ स्कूली शिक्षा को डिजिटल माध्यम से अनवरत जारी रखने की भी प्रशंसा की. इसके अलावा केंद्रीय मंत्री ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बारे में बात करते हुए कहा, "भारत ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से एक नए भविष्य के निर्माण की आधारशिला रखी है. पूरे विश्व में शिक्षा को लेकर इतने बड़े रिफॉर्म का कोई दूसरा उदाहरण नहीं है."