हाल के विधानसभा चुनावों के अनुभव साझा करने के लिए चुनाव आयोग ने सम्मेलन बुलाया
निर्वाचन आयोग (Photo Credits: PTI)

नई दिल्ली, 13 मई : हाल ही में हुए पांच विधानसभा चुनावों के अनुभवों और सीखों को साझा करने के उद्देश्य से चुनाव आयोग ने गुरुवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सभी मुख्य चुनाव अधिकारियों का एक सम्मेलन शुरू किया. दो दिवसीय संगोष्ठी के दौरान, चुनाव योजना, व्यय निगरानी, मतदाता सूची, आईटी अनुप्रयोग, डेटा प्रबंधन, ईवीएम/वीवीपैट, शिकायतों का समय पर समाधान, स्वीप रणनीति और मतदाता पहुंच और मीडिया व संचार पर विषयगत चर्चा होगी.

सभा को संबोधित करते हुए सीईसी सुशील चंद्रा ने कहा कि इस तरह के सम्मेलन एक दूसरे से अनुभव साझा करने और सीखने के लिए एक उत्कृष्ट मंच हैं. उन्होंने मुख्य निर्वाचन अधिकारियों की प्रशंसा करते हुए आगे कहा कि महामारी के बीच हुए इन पांच राज्यों के चुनाव अनुकरणीय थे और इसका कोई पिछला उदाहरण या संदर्भ नहीं था. उन्होंने कहा कि असाधारण परिस्थितियों ने भौतिक रैलियों पर प्रतिबंध लगाने, डिजिटल प्रचार को बढ़ावा देने और महत्वपूर्ण हितधारकों के साथ स्थिति की साप्ताहिक समीक्षा करने से असाधारण समाधान की मांग की. यह भी पढ़ें : रूसी आक्रमकता के खिलाफ खड़े होने को लेकर भारत के निकट संपर्क में है अमेरिका: व्हाइट हाउस

सीईसी ने पंजीकरण से लेकर मतदान तक पूरी चुनाव प्रक्रिया के दौरान मतदाताओं के लिए सेवाओं को लगातार अपग्रेड करने की जरूरत पर जोर दिया. यह देखते हुए कि सीईओ राज्यों में आयोग का चेहरा हैं, उन्होंने उन्हें यह सुनिश्चित करने के लिए प्रोत्साहित किया कि वे सभी हितधारकों के लिए सुलभ और दृश्यमान हों. उन्होंने सीईओ से दुनिया के सामने चुनाव प्रबंधन में अपनी सर्वोत्तम प्रथाओं और नवाचारों को प्रदर्शित करने के लिए अपने आउटरीच और संचार को मजबूत करने का भी आग्रह किया.

सुशील चंद्रा ने चुनाव आयुक्त राजीव कुमार की भी प्रशंसा की, जिन्हें नए मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्त किया गया है, और आशा व्यक्त की कि उनके नेतृत्व में चुनाव आयोग अधिक ऊंचाइयों को प्राप्त करेगा. अपनी टिप्पणी में राजीव कुमार ने कहा कि संविधान द्वारा प्रदान किए गए जनादेश के साथ, चुनाव आयोग ने यह सुनिश्चित करने के लिए अत्यंत मजबूत आंतरिक तंत्र और प्रथाओं का विकास किया है कि चुनाव प्रत्येक मतदाता के लिए स्वतंत्र, निष्पक्ष, सुलभ और सहभागी तरीके से आयोजित किए जाएं. बिहार में महामारी के बीच पांच राज्यों में हाल के विधानसभा चुनावों तक पहली बार चुनाव कराने के अपने अनुभव बताते हुए उन्होंने कहा कि यह यात्रा चुनौतियों से भरी रही है.