Eastern Ladakh Row: LAC से हटेगी चाइनीज आर्मी, NSA अजीत डोभाल ने चीनी विदेश मंत्री से की दो टूक बात
विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘दोनों पक्षों ने तत्परता से काम करने और टकराव वाले शेष स्थानों से सैनिकों को पूरी तरह से पीछे हटाने के लिए अपने प्रयासों को बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की.’’
Eastern Ladakh Row: भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने गुरुवार को रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की. यह बैठक BRICS (ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक के दौरान हुई, जिसमें भारत-चीन सीमा के विवादित क्षेत्रों पर चर्चा की गई. इस महत्वपूर्ण बैठक में दोनों देशों के अधिकारियों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर लंबित विवादों को सुलझाने और भारत-चीन संबंधों को स्थिर करने के मुद्दे पर चर्चा की. भारत के विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, दोनों पक्षों ने सीमा विवाद के शेष मुद्दों को जल्द से जल्द हल करने के लिए 'तत्काल' कदम उठाने पर सहमति जताई.
सीमा विवाद पर तत्काल कार्रवाई का वादा
विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘दोनों पक्षों ने तत्परता से काम करने और टकराव वाले शेष स्थानों से सैनिकों को पूरी तरह से पीछे हटाने के लिए अपने प्रयासों को बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की.’’
विदेश मंत्रालय के अनुसार डोभाल ने वांग को बताया कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के प्रति सम्मान द्विपक्षीय संबंधों में सामान्य स्थिति बनाने के लिए जरूरी है. डोभाल और वांग के बीच हुई बैठक रूसी शहर सेंट पीटर्सबर्ग में ब्रिक्स देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के सम्मेलन के इतर हुई. बयान में कहा गया, "यह बैठक दोनों पक्षों को हाल ही में किए गए प्रयासों की समीक्षा करने का अवसर प्रदान करती है. ये प्रयास LAC के शेष मुद्दों के शीघ्र समाधान की दिशा में हैं, जिससे द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर और पुनर्निर्मित करने की स्थितियां तैयार होंगी."
शांतिपूर्ण संबंधों के लिए LAC का सम्मान आवश्यक
अजीत डोभाल ने इस बैठक में कहा कि LAC पर शांति और द्विपक्षीय समझौतों का पूरा पालन करना भारत-चीन संबंधों के सामान्यीकरण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है. उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा, "दोनों पक्षों को द्विपक्षीय समझौतों, प्रोटोकॉल और पिछले समझौतों का पूरी तरह से पालन करना चाहिए."
वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर भी चर्चा
बैठक में भारत-चीन संबंधों के महत्व पर भी जोर दिया गया, यह मानते हुए कि यह न केवल दोनों देशों के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए भी महत्वपूर्ण है. साथ ही, उन्होंने वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया और सहमति जताई कि द्विपक्षीय संबंधों में स्थिरता लाना जरूरी है.
रूस के साथ द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा
अजीत डोभाल रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में BRICS राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के सम्मेलन में शामिल होने के लिए मौजूद थे, जहां उनकी मुलाकात रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी हुई. पुतिन ने भारत-रूस के विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी की प्रगति की सराहना की. उन्होंने कहा, "भारत-रूस द्विपक्षीय संबंधों में सुरक्षा के मुद्दे बेहद महत्वपूर्ण हैं."