Digital Payments Mandatory for Panchayat Works: पंचायत कार्यों के लिए डिजिटल भुगतान अनिवार्य, 15 अगस्त से UPI से होंगे सभी पेमेंट

देश भर की सभी पंचायतें इस स्वतंत्रता दिवस के बाद से सभी विकास कार्यों और राजस्व संग्रह के लिए अनिवार्य रूप से डिजिटल भुगतान का इस्तेमाल करेंगी और उन्हें यूपीआई के जरिए सभी पेमेंट करने होंगे.

(Photo Credit : Twitter)

Digital Payments Mandatory for Panchayat Works: पंचायती राज मंत्रालय द्वारा जारी एक पत्र में कहा गया है कि देश भर की सभी पंचायतें इस स्वतंत्रता दिवस के बाद से सभी विकास कार्यों और राजस्व संग्रह के लिए अनिवार्य रूप से डिजिटल भुगतान का इस्तेमाल करेंगी और उन्हें यूपीआई के जरिए सभी पेमेंट करने होंगे.

पंचायती राज मंत्रालय के सचिव सुनील कुमार ने बताया कि लगभग 98 प्रतिशत पंचायतें पहले ही यूपीआई-आधारित भुगतान का उपयोग शुरू कर चुकी हैं. कुमार ने कहा, "सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (PMFS) के माध्यम से लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है. पंचायतों को भुगतान अब डिजिटल रूप से किया जाएगा. चेक और नकद में भुगतान लगभग बंद कर दिया गया है." India Ranks 1st in Digital Payments: डिजिटल भुगतान में भारत टॉप पर, 2022 में हुआ रिकॉर्ड 89.5 मिलियन का लेनदेन

सरकार की ओर से डिजिटल भुगतान से जुड़े सेवा प्रदाताओं के नाम भी उपलब्ध कराए हैं. कहा है कि इनके साथ बैठक कर नियम और निर्देशों के अनुसार चयन कर लें. इसके बाद पंचायत भवनों में क्यूआर कोड लगवा दिए जाएं. ग्रामीणों के जनधन खातों को भी यूपीआइ से लिंक कराया जाए, ताकि वह डिजिटल भुगतान कर सकें.

भारत सरकार गांवों के विकास के साथ ही पंचायतों को पारदर्शी बनाने के लिए भी लगातार प्रयासरत है. पंचायतों का ऑनलाइन ऑडिट जारी है. इंटरनेट सुविधा का तेजी से विस्तार किया जा रहा है. ई-ग्राम स्वराज का अभियान भी चल रहा है. अब इसी कड़ी में देश की अर्थव्यवस्था को डिजिटल मोड पर पूरी तरह ले जाने के लिए भी पंचायतों को इससे जोड़ा जा रहा है. स्वतंत्रता दिवस पर कार्यक्रम आयोजित कर इसकी घोषणा की जाएगी कि पंचायतों में डिजिटल भुगतान शुरू हो चुका है.

सभी पंचायतों में यह व्यवस्था लागू होती है तो भारत का डिजिटल भुगतान का आंकड़ा काफी ऊपर पहुंच जाएगा. वर्तमान में जब पंचायतें पूरी तरह डिजिटल भुगतान से नहीं जुड़ी हैं, तब भी गांव-कस्बों की देश के कुल डिजिटल भुगतान में 50 फीसदी से अधिक की हिस्सेदारी हो चुकी है.

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