लोक आस्था का पर्व छठ (Chhath) रविवार की सुबह उदीयमान सूर्य को अघ्र्य देने के साथ ही संपन्न हो गया. चार दिवसीय इस अनुष्ठान के चौथे दिन अघ्र्य के बाद व्रतियों ने अन्न जल ग्रहण कर 'पारण' किया. छठ पर्व को लेकर चार दिनों तक पूरा बिहार भक्तिमय रहा. मुहल्लों से लेकर गंगा तटों तक यानी पूरे इलाके में छठ पूजा के पारंपरिक गीत गूंजते रहे. राजधानी पटना (Patna) की सभी सड़कों को दुल्हन की तरह सजाया गया. राजधानी के मुख्य सड़कों से लेकर गलियों तक की सफाई की गई. आम से लेकर खास वर्ग तक के लोग सड़कों की सफाई में व्यस्त रहे.
पटना में कई पूजा समितियों द्वारा भगवान भास्कर की मूर्ति स्थापित की गई. पूरा माहौल छठमय रहा. कई स्थानों पर तोरण द्वारा लगाए गए, तो कई पूजा समितियों द्वारा लाइटिंग की व्यवस्था की गई. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के सरकारी आवास पर उनके परिजनों ने छठ व्रत किया. रविवार को मुख्यमंत्री ने प्रात:कालीन अघ्र्य देकर भगवान भास्कर की आराधना की.
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इधर, मुजफ्फरपुर, सासाराम, मुंगेर, खगड़िया, भागलपुर, बेतिया, मोतिहारी सहित सभी जिलों के गांव से लेकर शहर तक लोग छठ पर्व की भक्ति में डूबे रहे. उल्लेखनीय है कि गुरुवार को नहाय-खाय के साथ लोक आस्था का यह महापर्व प्रारंभ हुआ था.