सपना टूटा, कुर्सी छूटी: महाराष्ट्र में 80 घंटे भी नहीं चल पाई बीजेपी की सरकार, देवेंद्र फडणवीस बने सबसे कम समय के CM
महाराष्ट्र में बुधवार को विधानसभा में होने वाले फ्लोर टेस्ट से पहले राज्य के मुख्यमंत्री देंवेद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) और उपमुख्यमंत्री अजित पवार ( Ajit Pawar) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. इसके साथ महाराष्ट्र के सियासत में एक बार फिर गहमागहमी तेज हो गई है. महाराष्ट्र में चल रहे इस सियासी ड्रामे पर सभी की नजरें थे. किसका पलड़ा भारी होगा और क्या देवेंद्र फडणवीस की सरकार बहुमत साबित करने में कामयाब होगी. इन सभी अटकलों पर अब विराम लग गया और बात साफ हो गया कि बीजेपी के साथ एनसीपी नेता अजित का आना सफल नहीं हुआ. क्योंकि जिन विधायकों के दम पर अजित पवार सरकार डेप्युटी सीएम बने थे वे सभी शरद पवार के साथ खड़े रहे हैं. वहीं शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस में खुशी की लहर है, खबर यह भी है कि उद्धव ठकारे बुधवार को सीएम पद की शपथ लेंगे.
मुंबई:- महाराष्ट्र में बुधवार को विधानसभा में होने वाले फ्लोर टेस्ट से पहले राज्य के मुख्यमंत्री देंवेद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) और उपमुख्यमंत्री अजित पवार ( Ajit Pawar) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. इसके साथ महाराष्ट्र के सियासत में एक बार फिर गहमागहमी तेज हो गई है. महाराष्ट्र में चल रहे इस सियासी ड्रामे पर सभी की नजरें थे. किसका पलड़ा भारी होगा और क्या देवेंद्र फडणवीस की सरकार बहुमत साबित करने में कामयाब होगी. इन सभी अटकलों पर अब विराम लग गया और बात साफ हो गया कि बीजेपी के साथ एनसीपी नेता अजित का आना सफल नहीं हुआ. क्योंकि जिन विधायकों के दम पर अजित पवार सरकार डेप्युटी सीएम बने थे वे सभी शरद पवार के साथ खड़े रहे हैं. वहीं शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस में खुशी की लहर है, खबर यह भी है कि उद्धव ठकारे बुधवार को सीएम पद की शपथ लेंगे.
बता दें कि देवेंद्र फडणवीस ने 23 अक्टूबर को एक बड़े राजनीतिक उलटफेर के बाद सुबह 8 बजे दोबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. लेकिन अब उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. जिसके बाद देवेंद्र फडणवीस शपथ लेने के सिर्फ 80 घंटे में इस्तीफा देने वाले महाराष्ट्र के पहले मुख्यामंत्री बन गए हैं. इससे पहले पूर्व सीएम पीके सावंत (P. K. Sawant) के नाम सबसे कम समय सीएम बनने का रिकॉर्ड दर्ज था. उनका कार्यकाल 25 नवंबर 1963 से लेकर 4 दिसंबर 1963 तक चला था. पूर्व सीएम पीके सावंत कांग्रेस पार्टी से जुड़े थे.
गौरतलब हो कि सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया था कि 27 नवंबर को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट करा कर बहुमत सिद्ध कराया जाए. सुप्रीम कोर्ट के आदेश दिए जाने के बाद सूबे के सीएम और डेप्युटी सीएम ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. इससे पहले इससे पहले सोमवार को संख्या बल दिखाने के लिए शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और कांग्रेस ने संयुक्त रूप से अपने 162 विधायकों की सार्वजनिक परेड आयोजित किया था.
वहीं बीजेपी ने दावा किया था कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) और उसके सहयोगी अजित पवार गुट के 170 विधायकों का संख्या बल है, लेकिन बीजेपी के दावे को गलत साबित करने के लिए पार्टियों द्वारा ऐसा किया. राजभवन में बीते शनिवार सुबह आठ बजे देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद व अजित पवार ने राजभवन में उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.