Delhi Air Pollution: दिल्ली की वायु गुणवत्ता फिर से ‘गंभीर’ श्रेणी के करीब पहुंची

प्रतिकूल मौसम संबंधी परिस्थितियों के बीच दिल्ली में मंगलवार को वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी के करीब पहुंच गई और इससे जल्द राहत मिलने के आसार नहीं है. राष्ट्रीय राजधानी का 24 घंटे का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) शाम चार बजे 397 दर्ज किया गया जो सोमवार को 358 और रविवार को 218 था.

Representational Image | PTI

नयी दिल्ली, 14 नवंबर: प्रतिकूल मौसम संबंधी परिस्थितियों के बीच दिल्ली में मंगलवार को वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी के करीब पहुंच गई और इससे जल्द राहत मिलने के आसार नहीं है. राष्ट्रीय राजधानी का 24 घंटे का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) शाम चार बजे 397 दर्ज किया गया जो सोमवार को 358 और रविवार को 218 था. शहर के कई इलाकों में वायु प्रदूषण ‘गंभीर’ श्रेणी (एक्यूआई400 से ज्यादा) में रहा, जिनमें आईटीओ (427), आरके पुरम (422), पंजाबी बाग (423), नेहरू नगर (450) और आनंद विहार (439) शामिल हैं. Chhath 2023: छठ के लिए 900 से अधिक घाट तैयार, अन्य व्यवस्थाएं की जाएंगी- मंत्री सौरभ भारद्वाज.

पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद में एक्यूआई 356, ग्रेटर नोएडा में 348, नोएडा में 364 और हरियाणा के गुरुग्राम में 386 और फरीदाबाद में 384 रहा. यह बेहद खराब श्रेणी में आता है. बारिश के कारण मिली राहत के बाद दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में वृद्धि दर्ज की गयी और प्रतिबंध के बावजूद दिवाली की रात लोगों द्वारा की गई आतिशबाजी से सोमवार को धुंध का दौर फिर लौट आया.

वायु गुणवत्ता निगरानी में विशेषज्ञता रखने वाली स्विट्जरलैंड की कंपनी ‘आईक्यूएयर’ के अनुसार, मंगलवार को दिल्ली दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर रहा. इसके बाद बांग्लादेश के ढाका, पाकिस्तान के लाहौर और भारत के मुंबई का स्थान रहा.

हालांकि कम तापमान के बीच रविवार देर रात तक आतिशबाजी से प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी हो गई.

एक्यूआई शून्य से 50 के बीच 'अच्छा', 51 से 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 से 200 के बीच 'मध्यम', 201 से 300 के बीच 'खराब', 301 से 400 के बीच 'बहुत खराब' और 401 से 450 के बीच 'गंभीर' माना जाता है. एक्यूआई के 450 से ऊपर हो जाने पर इसे 'अति गंभीर' श्रेणी में माना जाता है.

दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए रणनीति तैयार करने वाले वैधानिक निकाय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-’ को बताया, ‘‘यह बात साफ है कि दिवाली के बाद प्रदूषण के स्तर में वृद्धि दो प्रमुख कारणों से होती हैं- आतिशबाजी और खेत में पराली जलाना- इस मामले में आतिशबाजी प्रमुख कारण रहा.’’

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