दिल्ली दंगा : शाहरुख का परिवार भी हुआ गायब, पुलिस की छापेमारी शुरू

उत्तरी पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर, मुस्तफाबाद, शिव विहार, सीलमपुर आदि इलाकों में भड़की हिंसा के दौरान दिल्ली पुलिस के हवलदार के ऊपर पिस्तौल तानने वाले शाहरुख का परिवार भी अब कहीं भाग गया है.

दिल्ली हिंसा (Photo Credits: IANS)

नई दिल्ली: उत्तरी पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद(Jaffrabad), मौजपुर(Maujpur), मुस्तफाबाद(Mustafabad), शिव विहार(Shiv Vihar), सीलमपुर(Seelampur) आदि इलाकों में भड़की हिंसा के दौरान दिल्ली पुलिस के हवलदार के ऊपर पिस्तौल तानने वाले शाहरुख का परिवार भी अब कहीं भाग गया है. पुलिस शाहरुख और आम आदमी पार्टी पार्षद ताहिर हुसैन(Parshad Tahir Hussain) के साथ-साथ अब शाहरुख के परिवार की तलाश में भी खाक छान रही है. दिल्ली पुलिस सूत्रों ने सोमवार को आईएएनएस को बताया कि शाहरुख खान (Shahrukh Khan) के घर से भी तमाम संदिग्ध चीजें मिली हैं, कई प्लास्टिक थैलियों में ज्वलनशील पदार्थ मौजूद मिले हैं, जबकि ताहिर के घर में तेजाब, पेट्रोल बम और ईंट पत्थरों का जखीरा मिला है.

दिल्ली पुलिस के एक संयुक्त आयुक्त स्तर के अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, "शाहरुख का पकड़ा जाना बेहद जरुरी है. इसी तरह ताहिर की भी हमें बेहद जरूरत है. शाहरुख और ताहिर दंगों में ऐसी कड़ी हैं जिनसे पुलिस को काफी मदद मिल सकती है." इसी अधिकारी ने आगे कहा, "हमारी टीमों द्वारा शुरू की गयी छापामारी में अधिकांश संदिग्ध घर और गलियों में सबसे ज्यादा पेट्रोल-डीजल की बड़ी-बड़ी केन मिल रही हैं. मिर्च पाउडर के पैकेट्स भी हजारों की संख्या में जब्त किए जा रहे हैं. एक-एक घर से 20-20 किलो से भी ज्यादा लोहे की कीलें, कंचे मिल रहे हैं. इन सबका इस्तेमाल लोगों को दूर से ही पेट्रोल और तेजाब बमों के जरिये चोट पहुंचाने में इस्तेमाल होता है."

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जांच के लिए गठित अपराध शाखा की एसआईटी में शामिल एक सहायक पुलिस आयुक्त के मुताबिक, "जाफराबाद और मुस्तफाबाद के कुछ घरों की छतों पर बड़ी बड़ी देसी तकनीक से इस्तेमाल की गयी गुलेलें लगी मिली हैं. इन गुलेलों के जरिये ही छतों से 100-100 मीटर दूर तक पेट्रोल, तेजाब और मिर्ची बम फेंके जाने की आशंका है."

अब तक 200 के करीब जो एफआईआर दर्ज की गयी हैं, उनमें 40 से ज्यादा में हत्या की धारा भी जोड़ी गयी है. इन सभी एफआईआर में दंगा, बलवा फैलाने, उकसाने, शस्त्र अधिनियम और हत्या की कोशिश, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने व सरकारी कामकाज में बाधा डालने की धाराएं मौजूद हैं. करीब साढ़े आठ सौ लोगों को अब तक हिरासत में ले लिया गया है.

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