Delhi Riots 2020: दिल्ली की अदालत ने दंगा, आगजनी, लूट के आरोपी 6 लोगों को बरी किया
Delhi Riots 2020 (Photo Credit: IANS)

नई दिल्ली: उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 2020 में हुए दंगों के दौरान दंगा, आगजनी और लूट के आरोपी छह लोगों को शनिवार को एक स्थानीय अदालत ने बरी कर दिया. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला ने साहिल, दिनेश, टिंकू, संदीप, विकास कश्यप और सोनू से जुड़े मामले में फैसला सुनाया.

आरोपी कथित तौर पर उस हिंसक भीड़ का हिस्सा थे, जिसने 24 और 25 फरवरी, 2020 की रात को भागीरथी विहार में एक दुकान में घुसकर लूटपाट की थी. Bengal Violence: अमित शाह लगातार ले रहे हैं हालात की जानकारी, नड्डा ने की शुभेंदु अधिकारी और मंगल पांडे से बात

अदालत ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ आरोप उचित संदेह से परे साबित नहीं किए जा सके, जिसके कारण उन्हें बरी कर दिया गया. न्यायाधीश ने अभियोजन पक्ष के दो गवाहों, एक कांस्टेबल और एक सहायक उप-निरीक्षक, जिन्होंने घटनाओं को देखने का दावा किया था, की गवाही के बीच घटनाओं के समय में महत्वपूर्ण विसंगति का हवाला दिया.

इस असंगतता के कारण, उनके दावों पर भरोसा करना मुश्किल हो गया और निष्कर्ष निकाला कि यह स्थापित करने के लिए परिस्थितिजन्य साक्ष्य का मामला बना हुआ है कि दोनों घटनाएं भीड़ के कारण हुईं.

अदालत ने कहा कि आरोपियों की पहचान केवल सड़क पर एक निश्चित समय पर भीड़ के हिस्से के रूप में की गई थी, जो कि अपर्याप्त सबूत था क्योंकि पुलिस ने दंगों की विशिष्ट घटनाओं के आधार पर अलग-अलग मामले दर्ज किए थे.

उन पर एक गैरकानूनी जमावड़े का हिस्सा होने का भी आरोप लगाया गया, जिन्‍होंने 24 फरवरी को रात करीब 9 बजे पास के एक घर में आगजनी, अतिक्रमण और चोरी की घटना को अंजाम दिया.

अदालत ने इस बात पर प्रकाश डाला कि शिकायतकर्ताओं में से एक ने बताया कि पड़ोसी ने घटना के समय के बारे में सूचित किया था, लेकिन पड़ोसी का न तो पता चला और न ही उसकी जांच की गई. इसलिए, अभियोजन पक्ष उचित संदेह से परे यह साबित करने में विफल रहा कि आरोपी व्यक्ति इस मामले में जांच की गई दो घटनाओं के लिए जिम्मेदार भीड़ का हिस्सा थे.