नयी दिल्ली, 27 नवम्बर: केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ ‘दिल्ली चलो’ मार्च के तहत सिंघु बॉर्डर पर पहुंचे किसानों के एक समूह को तितर-बितर करने के लिए दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को आंसू गैस के गोले दोगे. दिल्ली (Delhi) और हरियाणा (Haryana) को जोड़ने वाली सीमा पर नरेला (Narela) में किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे गए. पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘ हम किसानों को प्रदर्शन करने से रोकने के लिए आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल कर रहे हैं. हम उन्हें यह भी बता रहे हैं कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के मद्देनजर किसी प्रकार की रैली करने या धरना देने की अनुमति नहीं है.’’
अधिकारी ने कहा, ‘‘ उन्हें अनुमति नहीं दी गई और अगर उन्होंने फिर भी दिल्ली में दाखिल होने की कोशिश की तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.’’ तीस से अधिक किसान संगठनों का प्रतिनिधित्व करने वाले पंजाब के किसानों ने घोषणा की थी कि वे लालडू (Laldu), शंभु (Shambhu), पटियाला-पिहोवा (Patiala-Pihova), पातरां-खनौरी (Patraa-Khanori), मूनक-टोहाना (Munak-Tohaana), रतिया-फतेहाबाद (Ratiya-Faridabad) और तलवंडी-सिरसा (Talvanda-Sirsa) मार्गों से दिल्ली की ओर रवाना होंगे. सभी सीमाओं पर तनाव कायम है.
यह भी पढ़े: दिल्ली चलो मार्च : शंभू सीमा पर किसानों पर पुलिस ने की पानी की बौछार, आंसू गैस के गोले भी छोड़े.
प्रदर्शन के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी सीमाओं से लगे कई स्थानों पर यातायात का मार्ग बदल दिया गया है. दिल्ली-गुड़गांव (Gurgaon) सीमा पर वाहनों की तलाशी भी बढ़ा दी गई है, जिससे वहां जाम लग गया है. दिल्ली-गुड़गांव सीमा पर सीआईएसएफ (CISF) के कर्मियों को भी तैनात किया गया है. दिल्ली यातायात पुलिस ने ट्वीट कर लोगों से रिंग रोड (Ringa Road), मुकरबा चौक (Mukarba Chowk), जीटीके रोड (GTK Road), एनएच- 44 (NH – 44) और सिंघु बॉर्डर (Sindhu Border) की बजाय दूसरे रास्तों से गुजरने की अपील की.
उसने कहा, ‘‘ अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति की रैली /मार्च/प्रदर्शन के मद्देनजर यातायात पुलिस मुकरबा चौक और जीटीके मार्ग से यातायात को परिवर्तित कर रही है.’’ दिल्ली यातायात पुलिस ने यह भी बताया कि टीकरी बॉर्डर पर भी स्थानीय पुलिस ने यातायात को पूरी तरह रोक दिया है.
यह भी पढ़े: किसानों का ‘दिल्ली चलो’ मार्च रोकने पर सुखबीर ने कहा : आज पंजाब का 26…11 है
सीमा पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और रेत से भरे ट्रक तथा पानी के टैंक भी वहां तैनात हैं.
प्रदर्शनकारियों को शहर में प्रवेश करने से रोकने के लिए सिंघु बॉर्डर पर बाड़ लगाने के लिए कांटेदार तार का भी उपयोग किया गया है. ‘दिल्ली चलो’ मार्च के लिए किसान अपनी ट्रैक्टर-ट्रॉलियों पर राशन और अन्य आवश्यक सामान के साथ एकत्रित हो गए हैं.
हरियाणा सरकार ने किसानों को प्रदर्शन के लिए एकत्रित होने से रोकने के लिए कई इलाकों में सीआरपीसी की धारा 144 भी लागू कर दी है. किसान नये कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि नये कानून से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) (MSP) की व्यवस्था समाप्त हो जाएगी.
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)