नई दिल्ली, 17 अप्रैल: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जांच की जा रही आबकारी नीति मामले में अदालत ने सोमवार को दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत दो सप्ताह के लिए बढ़ा दी. विशेष न्यायाधीश एम.के. नागपाल राउज एवेन्यू कोर्ट में ईडी ने पहले प्रस्तुत किया था कि सिसोदिया ने यह दिखाने के लिए गढ़े हुए ई-मेल लगाए थे कि नीति के लिए सार्वजनिक स्वीकृति थी. ईडी के वकील ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था, हमारे पास सबूत हैं कि सिसोदिया ने ई-मेल प्लांट किए थे. ये न केवल आबकारी विभाग के आधिकारिक ई-मेल खाते में बल्कि उनके व्यक्तिगत ई-मेल खाते में भी प्राप्त हुए हैं. ई-मेल की सामग्री सिसोदिया द्वारा दी गई थी, जो उनके एजेंडे के अनुकूल है. यह भी पढ़ें: Delhi Liquor Policy Case: CBI हेडक्वार्टर से निकले अरविंद केजरीवाल, शराब नीति घोटाला केस में सुबह से हो रही थी पूछताछ
मनगढ़ंत ई-मेल यह दिखाने के लिए भेजे गए थे कि नीति की सार्वजनिक स्वीकृति थी. यह एक दिखावटी अनुमोदन है, रिश्वत के बदले शराब कार्टेल को लाभ देने के लिए अवैध पारिस्थितिकी तंत्र बनाया गया था.ईडी के विशेष लोक अभियोजक जोहेब हुसैन ने तब न्यायाधीश से कहा था कि एजेंसी उन्हें केस डायरी दिखाना चाहती है. इस पर सिसोदिया के वकील ने कहा था कि ऐसा गोपनीयता से नहीं किया जाना चाहिए.
वकील ने कहा, सीलबंद कवर व्यवसाय जाना चाहिए. अगर मेरे खिलाफ कुछ इस्तेमाल किया जाता है, तो मुझे मेरी स्वतंत्रता से वंचित किया जाता है, अगर वे मेरी पीठ के पीछे किसी चीज पर भरोसा कर रहे हैं, तो इसे मुझ पर भी लगाया जाना चाहिए. हालांकि, जांच एजेंसी ने कहा कि उसके खिलाफ जांच पूरी करने के 60 दिन अभी खत्म नहीं हुए हैं. ईडी ने कहा, हम इसे 60 दिनों के बाद आपके सामने रखेंगे. इसके बाद अदालत ने मंगलवार के लिए जमानत मामले में सुनवाई स्थगित कर दी.