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एकतरफा प्यार की सनक! सिरफिरे आशिक ने जन्मदिन से 1 दिन पहले लड़की पर चाकू से किया हमला

दिल्ली के सदर बाजार में 19 वर्षीय विजयलक्ष्मी पर एक युवक ने चाकू से हमला कर दिया, जिससे वह गंभीर हालत में ICU में भर्ती है. परिवार का आरोप है कि आरोपी युवक अमित एकतरफा प्यार में था और पहले भी परेशान करता था.

देश Shubham Rai|
एकतरफा प्यार की सनक! सिरफिरे आशिक ने जन्मदिन से 1 दिन पहले लड़की पर चाकू से किया हमला

Delhi Girl Stabbing Case: नई दिल्ली में एक बेहद दर्दनाक घटना ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया है. 19 वर्षीय विजयलक्ष्मी पर उसके जन्मदिन से ठीक एक दिन पहले बेरहमी से चाकू से हमला किया गया. विजयलक्ष्मी परिवार की अकेली कमाने वाली सदस्य थी. उसके पिता ने सालों पहले परिवार को छोड़ दिया था, और मां शारदा घरेलू काम करके जैसे-तैसे घर चला रही थीं.

"कल मेरी गुड़िया का जन्मदिन है... भगवान करे वो उसे देख पाए," यह कहते हुए विजयलक्ष्मी की मां शोभा की आवाज़ कांप उठी. वह ICU के बाहर बैठी थीं, जहां उनकी बेटी ज़िंदगी और मौत के बीच जूझ रही है.

जन्मदिन की खुशियों से पहले टूटा दुखों का पहाड़

विजयलक्ष्मी 8 अप्रैल को अपने जन्मदिन का बेसब्री से इंतज़ार कर रही थी. उसने ऑनलाइन नए कपड़े मंगवाए थे, घर को सजाने के लिए लाइट्स खरीदी थीं और पूरा परिवार एक छोटी-सी पार्टी की तैयारी कर रहा था. रविवार को उसने अपनी मां से वादा किया था कि वह काम से जल्दी घर लौटेगी.

लेकिन उस शाम परिवार को एक ऑटो चालक का कॉल आया. विजयलक्ष्मी लहूलुहान हालत में अस्पताल पहुंचाई गई थी. मां शोभा बताती हैं, "हम अस्पताल पहुंचे तो देखा कि बेटी खून में लथपथ फर्श पर पड़ी थी. डॉक्टरों ने कहा कि उस पर बेरहमी से हमला किया गया है."

एक हिम्मती लड़की की अधूरी कहानी

विजयलक्ष्मी के परिवार में उसकी 40 वर्षीय मां, 16 साल का भाई रघुवेन्द्र और दो बहनें हैं. पिता के छोड़ देने के बाद शोभा ने बच्चों की परवरिश अकेले की. बड़ी बहनों की शादी कम उम्र में हो गई थी. विजयलक्ष्मी ने आठवीं के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी ताकि परिवार की मदद कर सके.

बड़ी बहन कहती हैं, "उसकी आंखों में हमेशा चमक रहती थी. उसे सजना-संवरना, इंस्टाग्राम वीडियो बनाना और अपने सपनों की बातें करना बहुत पसंद था. वो हमेशा कहती थी कि एक दिन कुछ बड़ा करेगी."

आरोपी 'दोस्त' की हरकत पर भाई का पछतावा

विजयलक्ष्मी के भाई रघुवेन्द्र ने बताया कि उसकी बहन की एक दोस्ती उसे कुछ अजीब लगती थी. "अमित नाम का लड़का उसे पसंद करता था. मैंने बहन को सतर्क रहने को कहा था, लेकिन उसने कभी शिकायत नहीं की. अगर मुझे पता होता कि वो इतना परेशान कर रहा है, तो मैं पुलिस में शिकायत करता."

अब ज़िम्मेदारी प्रशासन की

घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके हैं, जिसमें विजयलक्ष्मी पर चाकुओं से हमला होते देखा जा सकता है. यह केवल एक परिवार की त्रासदी नहीं, बल्कि समाज के उस स्याह चेहरे की तस्वीर है, जहां एक लड़की की आज़ादी और उसके सपनों को इस तरह कुचला जाता है.

अब सवाल उठता है – क्या एक लड़की को अपने सपनों के लिए जीने का अधिकार नहीं है? क्या एकतरफा प्यार की सनक इस हद तक जा सकती है कि एक मासूम की ज़िंदगी ही छीन ली जाए?

सरकार और पुलिस को चाहिए कि ऐसे मामलों में तुरंत और कठोर कार्रवाई करे, ताकि किसी और 'विजयलक्ष्मी' का सपना यूं अधूरा न रह जाए.

अगर आप चाहें, तो मैं इस आर्टिकल का SEO फ्रेंडली टाइटल और कीवर्ड भी सुझा सकता हूं.

देश Shubham Rai|
एकतरफा प्यार की सनक! सिरफिरे आशिक ने जन्मदिन से 1 दिन पहले लड़की पर चाकू से किया हमला

Delhi Girl Stabbing Case: नई दिल्ली में एक बेहद दर्दनाक घटना ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया है. 19 वर्षीय विजयलक्ष्मी पर उसके जन्मदिन से ठीक एक दिन पहले बेरहमी से चाकू से हमला किया गया. विजयलक्ष्मी परिवार की अकेली कमाने वाली सदस्य थी. उसके पिता ने सालों पहले परिवार को छोड़ दिया था, और मां शारदा घरेलू काम करके जैसे-तैसे घर चला रही थीं.

"कल मेरी गुड़िया का जन्मदिन है... भगवान करे वो उसे देख पाए," यह कहते हुए विजयलक्ष्मी की मां शोभा की आवाज़ कांप उठी. वह ICU के बाहर बैठी थीं, जहां उनकी बेटी ज़िंदगी और मौत के बीच जूझ रही है.

जन्मदिन की खुशियों से पहले टूटा दुखों का पहाड़

विजयलक्ष्मी 8 अप्रैल को अपने जन्मदिन का बेसब्री से इंतज़ार कर रही थी. उसने ऑनलाइन नए कपड़े मंगवाए थे, घर को सजाने के लिए लाइट्स खरीदी थीं और पूरा परिवार एक छोटी-सी पार्टी की तैयारी कर रहा था. रविवार को उसने अपनी मां से वादा किया था कि वह काम से जल्दी घर लौटेगी.

लेकिन उस शाम परिवार को एक ऑटो चालक का कॉल आया. विजयलक्ष्मी लहूलुहान हालत में अस्पताल पहुंचाई गई थी. मां शोभा बताती हैं, "हम अस्पताल पहुंचे तो देखा कि बेटी खून में लथपथ फर्श पर पड़ी थी. डॉक्टरों ने कहा कि उस पर बेरहमी से हमला किया गया है."

एक हिम्मती लड़की की अधूरी कहानी

विजयलक्ष्मी के परिवार में उसकी 40 वर्षीय मां, 16 साल का भाई रघुवेन्द्र और दो बहनें हैं. पिता के छोड़ देने के बाद शोभा ने बच्चों की परवरिश अकेले की. बड़ी बहनों की शादी कम उम्र में हो गई थी. विजयलक्ष्मी ने आठवीं के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी ताकि परिवार की मदद कर सके.

बड़ी बहन कहती हैं, "उसकी आंखों में हमेशा चमक रहती थी. उसे सजना-संवरना, इंस्टाग्राम वीडियो बनाना और अपने सपनों की बातें करना बहुत पसंद था. वो हमेशा कहती थी कि एक दिन कुछ बड़ा करेगी."

आरोपी 'दोस्त' की हरकत पर भाई का पछतावा

विजयलक्ष्मी के भाई रघुवेन्द्र ने बताया कि उसकी बहन की एक दोस्ती उसे कुछ अजीब लगती थी. "अमित नाम का लड़का उसे पसंद करता था. मैंने बहन को सतर्क रहने को कहा था, लेकिन उसने कभी शिकायत नहीं की. अगर मुझे पता होता कि वो इतना परेशान कर रहा है, तो मैं पुलिस में शिकायत करता."

अब ज़िम्मेदारी प्रशासन की

घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके हैं, जिसमें विजयलक्ष्मी पर चाकुओं से हमला होते देखा जा सकता है. यह केवल एक परिवार की त्रासदी नहीं, बल्कि समाज के उस स्याह चेहरे की तस्वीर है, जहां एक लड़की की आज़ादी और उसके सपनों को इस तरह कुचला जाता है.

अब सवाल उठता है – क्या एक लड़की को अपने सपनों के लिए जीने का अधिकार नहीं है? क्या एकतरफा प्यार की सनक इस हद तक जा सकती है कि एक मासूम की ज़िंदगी ही छीन ली जाए?

सरकार और पुलिस को चाहिए कि ऐसे मामलों में तुरंत और कठोर कार्रवाई करे, ताकि किसी और 'विजयलक्ष्मी' का सपना यूं अधूरा न रह जाए.

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