दिल्ली में पानी पर सियासत: CM अरविंद केजरीवाल का बड़ा ऐलान, नए कनेक्शन पर नहीं भरना पड़ेगा डेवलेपमेंट और इंफ्रास्ट्रक्चर चार्ज
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: IANS)

नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) में पीने के पानी के मसले को लेकर राजनीति गरमाई हुई है. इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने शुक्रवार को पानी और सीवर कनेक्शन को लेकर बड़ी घोषणा की. इसके तहत अब राष्ट्रीय राजधानी में पानी और सीवर के कनेक्शन के लिए डिवेलपमेंट चार्ज और इन्फ्रास्ट्रक्चर चार्ज नहीं देना पड़ेगा.

न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक दिल्ली में आज से ही पानी और सीवर के लिए डिवेलपमेंट और इन्फ्रास्ट्रक्चर चार्ज नहीं वसूला जाएगा. अब लोगों को केवल 2310 रुपये पानी और सीवर के नए कनेक्शन के लिए देने पड़ेंगे. इसकी घोषणा करते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम पानी पर राजनीति नहीं करना चाहते है. पानी पर राजनीति बंद होनी चाहिए. हमें कई इलाकों में गंदे पानी आने की शिकायतें मिली हैं. जिन्हें ठीक करने का काम जारी है. दिल्ली में पानी पर सियासत: केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन ने AAP पर साधा निशाना, तो सीएम केजरीवाल ने पलटवार में कहा ‘गंदी राजनीति से दूर रहें’

केजरीवाल ने कहा 'जब हमने कार्यभार संभाला, तो दिल्ली में केवल 58% पानी पाइप लाइनों के जरिए पहुंचाई जाती थीं, जिसकी अब संख्या 93% हो गई है. जब हमने सरकार बनाई तो गंदे पानी की आपूर्ति वाले 2300 से अधिक क्षेत्र थे. जो घटकर अब सिर्फ 125 है.'

पहले पानी और सीवर पर डेवलपमेंट और इंफ़्रास्ट्रक्चर चार्ज के तौर पर 200 मीटर प्लॉट पर 1 लाख 14 हज़ार 110 रुपये भरने पड़ते थे, जबकि 300 मीटर प्लॉट पर 1 लाख 24 हज़ार 110 रुपये देने पड़ते थे. जो कि अब मात्र 2310 रुपये हो गए है.

भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) की जांच में दिल्ली में 11 जगहों से लिए गए नमूने फेल होने के बाद से आम आदमी पार्टी नीत दिल्ली सरकार और बीजेपी नीत केंद्र सरकार के बीच जंग सी छीड़ गई. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा कि सिर्फ 11 नमूनों के जरिए शहर के पानी की गुणवत्ता को अच्छा या बुरा घोषित नहीं किया जा सकता है.

गौरतलब है कि बीआईएस ने नल द्वारा आपूर्ति किए जाने वाले पानी की गुणवत्ता की जांच के लिए देश के 20 राज्यों की राजधानी के अलावा दिल्ली में 11 जगहों से पानी के नमूने एकत्र किए गए थे. इन नमूने की जांच रिपोर्ट 16 नवंबर को केंद्रीय मंत्री ने जारी की थी जिसमें दिल्ली के सभी नमूने गुणवत्ता मानकों पर विफल पाए गए थे. जिसका बीजेपी जोरशोर से विरोध कर रही है.