नई दिल्ली, 10 मई: दिल्ली को 'झीलों का शहर' बनाने के विजन को साकार करने के लिए काम किया जा रहा है. इस परियोजना के तहत पहले चरण में दिल्ली सरकार की ओर से 250 जलाशयों और 23 झीलों को जीवंत किया जा रहा है. इसी कड़ी में मंगलवार को दिल्ली के जल मंत्री व दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष सत्येंद्र जैन ने दिल्ली सरकार की ओर से बुराड़ी में पुनर्जीवित की जा रही दो झीलों का मुआयना किया. परियोजनाओं के तहत किए जा रहे विभिन्न कार्यों की समीक्षा की. जल मंत्री सत्येंद्र जैन ने अधिकारियों को विभिन्न पहलुओं पर सुझाव दिए, जो दिल्ली सरकार द्वारा बनाई जा रही झीलों के कायाकल्प परियोजना का हिस्सा है. साथ ही उन्होंने अधिकारियों से बुराड़ी की दोनों झीलों को आसपास के लोगों के लिए सुरक्षित स्थान के रूप में विकसित करने के आदेश दिए. ताकि यहां पर्यटक गर्मी से राहत के साथ प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले पाएं. यह भी पढ़ें: Uttarakhand: अब और अधिक तीर्थयात्री कर सकेंगे चार धामों की यात्रा, सरकार ने पंजीकरण की संख्या बढ़ाई
जल मंत्री सत्येंद्र जैन (Satyendra Jain) ने कहा कि दिल्ली सरकार राजधानी को झीलों का शहर बनाने की मुहिम में जुटी है. कई झीलों और जलाशयों को मनोरंजक और सुरक्षित स्थल के तौर पर विकसित किया जा रहा है. झीलों व जलाशयों के पुनर्जीवित होने से राजधानी की बायोडायवर्सिटी (biodiversity) में भी सुधार होगा और साथ ही आसपास के भूजल स्तर में भी सुधार आएगा. एक तय भूजल स्तर पर उस पानी का इस्तेमाल पानी की डिमांड और सप्लाई के अंतर को कम करने के लिए भी कर पाएगा. दिल्ली की सभी झीलों व जलाशयों को विकसित करने के लिए विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है, ताकि इनके सुंदरीकरण के साथ ग्राउंड वाटर को रिचार्ज करने में भी मदद मिल सके.
उन्होंने बताया कि बुराड़ी के सत्य विहार स्थित झील राजधानी में पुनर्जीवित होने वाली 23 झीलों में से एक है. इस झील का क्षेत्रफल 13371 वर्ग मीटर है. जहां पहले आसपास के लोग इस झील को ठोस कचरा डंपिंग साइट के रूप में इस्तेमाल करने लगे थे और आसपास की निकासी का गंदा पानी झील में गिर रहा था.
सत्य विहार स्थित झील में कंस्ट्रक्टेड वेटलैंड बनाए गए हैं. इनके माध्यम से रॉ सीवेज, एक स्क्रीन चैंबर से होते हुए सैटलिंग टैंक में जाता है. फिर कंक्रीट की लेयर्स पर लगे पौंधों से गुजरते और फिल्टर होते हुए आगे बढ़ता है. इसके बाद ट्रीटेड वाटर टैंकर में एकत्रित होता है और इस पानी को आखिर में झील में डाला जाता है.
बुराड़ी में लक्ष्मी विहार स्थित एक्सटेंशन कॉलोनी के पास विकसित की जा रही झील करीब 6500 वर्ग मीटर में फैली है. यहां से पहले आसपास के मोहल्ले का सीवेज गुजरता था. अब झील को जीवंत करने के लिए दिल्ली सरकार की ओर से सीवेज वाटर का ट्रीटमेंट फ्लोटिंग राफ्टर्स तकनीक के माध्यम से किया जा रहा है. झील में फ्लोटिंग राफ्टर लगाए गए है. इन फ्लोटिंग राफ्टर पर ऐसे पौधे लगे हैं, जो पानी से प्रदूषकों को प्रकृतिक तरीके से साफ करने में मदद करते हैं. यानि इनकी जड़ें फिल्टर की तरह काम करती हैं. ये पौधे न सिर्फ प्रदूषण को सोखने की क्षमता रखते हैं बल्कि जल व वायु प्रदूषण भी कम करते हैं. ये बड़े पेड़-पौधे की तरह हवा में घुले प्रदूषक तत्वों को सोखते हैं.