रक्षा मंत्री Rajnath Singh का बड़ा बयान, कहा- भारत ने पाकिस्तान के साथ प्रत्यक्ष युद्ध जीते हैं और परोक्ष युद्ध भी जीतेंगे
रक्षा मंत्री ने कहा कि उस समय के पूर्वी पाकिस्तान में लोगों और महिलाओं पर हो रही ज्यादतियां पूरी मानवता के लिए खतरा थी और उन लोगों को अन्याय तथा शोषण से मुक्ति दिलाना भारत का कर्तव्य था. उन्होंने उस युद्ध में भारत की जीत सुनिश्वित करने वाले जाबांज वीरों तथा शहीदों का जिक्र करते हुए कहा कि देश हमेशा उनके योगदान को याद रखेगा.
नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने कहा है कि भारत (India) ने पाकिस्तान (Pakistan) के साथ सीधे युद्ध जीते हैं और अब परोक्ष युद्ध भी जीतेंगे. राजनाथ सिंह ने रविवार को यहां इंडिया गेट (India Gate) पर भारत- पाकिस्तान के 1971 के युद्ध की 50वीं वर्षगांठ के मौके पर 'स्वर्णिम विजय पर्व ' समारोह का उद्घाटन करने के मौके पर कहा 1971 के युद्ध में शिकस्त खाने के बाद पाकिस्तान अब अघोषित युद्ध कर रहा है और आतंकवाद (Terrorism) तथा अन्य भारत विरोधी गतिविधियों के जरिए देश के शांतिपूर्ण माहौल में व्यवधान पैदा करना चाहता है. भारतीय सेनाओं (Indian Army) ने उनके मंसूबों को नाकाम कर दिया था और अब आतंकवाद को जड़ से मिटाने का काम जारी है. हम उसके साथ सीधा युद्ध जीत चुके हैं और परोक्ष युद्ध में भी हमारी विजय ही होगी. रक्षा मंत्री Rajnath Singh ने कहा- भारत अब 65 फीसदी स्वदेशी रक्षा उपकरण का उपयोग कर रहा है
राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान की कट्टर भारत विरोधी भावना का जिक्र करते हुए कहा भारत के खिलाफ पाकिस्तान की कठोर भावना को इस तरीके से समझा जा सकता है कि वह अपनी मिसाइलों के नाम भी उन हमलावरों के नाम पर रखता है जिन्होंने भारत पर हमले किए थे और इनके नाम गौरी, गजनबी, अब्दाली रखे गए हैं जबकि भारत ने अपनी मिसाइलों के नाम आकाश, पृथ्वी और अग्नि रखे हैं और हाल ही में हमने अपनी एक मिसाइल का नाम संत रखा है.
उन्होंने 11 दिसंबर को हेलीकॉप्टर लांचर स्टैंड- ऑफ एंटी टैंक नाशक मिसाइल के सफल परीक्षण के लिए रक्षा शोध एवं विकास संगठन (डीआरडीओ)को बधाई दी है. इसे डीआरडीओ ने स्वदेशी तौर पर विकसित किया है.
उन्होंने कहा कि दो विश्व युद्धों के बाद 1971 का भारत- पाकिस्तान का युद्ध काफी निर्णायक था. वह युद्ध हमें बताता है कि धर्म के आधार पर भारत का विभाजन एक ऐतिहासिक भूल था और पाकिस्तान का उदय धर्म के नाम पर ही हुआ था लेकिन वह एक नहीं रह सका है.
रक्षा मंत्री ने कहा कि 1971 का युद्ध भारत की नैतिकता और लोकतांत्रिक परंपराओं को एक उत्कृष्ट उदाहरण है और ऐसा इतिहास में बहुत ही कम देखा जाएगा कि किसी देश को युद्ध में हराने के बाद दूसरा देश उस पर अपना प्रभुत्व नहीं सौंपता है लेकिन अपने राजनीतिक प्रतिनिधि को सत्ता सौंप देता है और भारत ने भी यही किया था क्योंकि यह हमारी संस्कृति का हिस्सा है. भारत ने कभी भी किसी दूसरे देश पर आक्रमण नहीं किया और न ही किसी देश की एक भी इंच जमीन पर कब्जा किया.
उन्होंने बंगलादेश में लोकतंत्र की स्थापना में भारत के योगदान का जिक्र किया और यह भी कहा कि पिछले 50 वर्षों में उसने काफी प्रगति की है जो पूरे विश्व के लिए एक प्रेरणा का स्रोत है.
रक्षा मंत्री ने कहा कि उस समय के पूर्वी पाकिस्तान में लोगों और महिलाओं पर हो रही ज्यादतियां पूरी मानवता के लिए खतरा थी और उन लोगों को अन्याय तथा शोषण से मुक्ति दिलाना भारत का कर्तव्य था. उन्होंने उस युद्ध में भारत की जीत सुनिश्वित करने वाले जाबांज वीरों तथा शहीदों का जिक्र करते हुए कहा कि देश हमेशा उनके योगदान को याद रखेगा.
उन्होंने देश के पहले सीडीएस जनरल विपिन रावत के असामयिक निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि वह एक बहादुर सैनिक , बेहतर सलाहकार और बेहतरीन इंसान थे.
इस कार्यक्रम की परिणिति पूरे वर्ष की विजयी ज्योति की यात्रा के समापन के साथ होगी और इस स्वर्णिम विजय मशाल ने देश के कोने कोने की यात्रा की है तथा इस दौरान उस युद्ध में शहीद हुए जवानों के गांवो की मिट्टी के नमूने भी एक त्र किए गए. इसका मशाल यात्रा का समापन 16 दिसंबर 2021 को नई दिल्ली में एक भव्य समारोह में किया जाएगा.