Cyclone Shakti: चक्रवाती तूफान! बंगाल की खाड़ी में बन रहा साइक्लोन 'शक्ति', कर्नाटक के लिए IMD ने जारी किया येलो अलर्ट

मुंबई, 13 मई: भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने मंगलवार, 13 मई को बंगाल की खाड़ी में चक्रवातीय विकास की संभावना के बारे में चेतावनी जारी की है. यह संभावित चक्रवात "साइक्लोन शक्ति" के रूप में विकसित हो सकता है. हालांकि, अभी तक चक्रवात का निर्माण नहीं हुआ है, लेकिन मौसम विज्ञानी और क्षेत्रीय मौसम मॉडल के अनुसार इसके बनने के हालात तेजी से अनुकूल हो रहे हैं.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, साइक्लोन शक्ति 23 मई से 28 मई के बीच बन सकता है, क्योंकि 16 से 22 मई के बीच बंगाल की खाड़ी के पूर्व-मध्य हिस्से में एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है.

क्या बंगाल की खाड़ी में साइक्लोन शक्ति बन सकता है?

इस बीच, बांग्लादेश के मौसम विज्ञानी मोस्टफा कमल पलाश ने फेसबुक पोस्ट में बताया कि 16 से 18 मई के बीच बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती परिसंचरण बन सकता है, जो बाद में इस महीने साइक्लोन शक्ति में बदल सकता है. हालांकि, IMD ने इस निर्माण की पुष्टि नहीं की है और कहा है कि यह बहुत जल्दी है यह अनुमान लगाने के लिए कि यह सिस्टम एक नामांकित चक्रवात में बदल जाएगा या नहीं.

13 मई को IMD ने यह पुष्टि की कि दक्षिण-पश्चिम मानसून बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी हिस्से, अंडमान सागर, निकोबार द्वीप समूह और उत्तरी अंडमान सागर के कुछ हिस्सों में पहुंच चुका है. इसके अलावा, एजेंसी ने यह भी नोट किया कि अंडमान सागर में एक ऊपरी वायवीय चक्रवाती परिसंचरण है, जो आने वाले दिनों में तूफान के विकास को बढ़ावा दे सकता है.

भारत के लिए मौसम पूर्वानुमान

IMD ने 12 से 17 मई तक दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, पूर्वी राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और मध्य व दक्षिणी भारत के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ तूफान और तेज हवाओं का अनुमान जताया है. इसके अलावा, उत्तर-पूर्वी राज्यों में भारी बारिश की संभावना है, जिसमें अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, त्रिपुरा, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और सिक्किम शामिल हैं.

कर्नाटका के कई जिलों के लिए 16 मई तक येलो अलर्ट जारी किया गया है, जिसमें मानसून पूर्व की बारिश की संभावना जताई गई है. वहीं, कोलकाता में आंशिक रूप से बादल छाए रहने की संभावना है और शाम के समय बारिश और तूफान हो सकते हैं.

यहां तक कि उत्तर-पश्चिम उत्तर प्रदेश, पश्चिम राजस्थान और उत्तर-पूर्वी असम में भी चक्रवाती परिसंचरणों की निगरानी की जा रही है, जो भारत के विभिन्न हिस्सों में बारिश ला सकते हैं.

इस समय सभी को मौसम के बदलावों के प्रति सतर्क रहना चाहिए, खासकर कर्नाटका और अन्य संभावित प्रभावित क्षेत्रों में.