माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने उपराष्ट्रपति पर साधा निशाना, कहा- जगदीप धनखड़ की संविधान के खिलाफ टिप्पणी भविष्य के लिए खतरनाक संकेत
येचुरी ने समझाया कि संविधान की केंद्रीयता भारत की संप्रभुता को बनाए रखने में निहित है. येचुरी ने कहा कि लोगों की संप्रभुता को संवैधानिक योजना के सूत्र में किसी भी बिंदु पर प्रतिस्थापित नहीं किया जा सकता है. रिपोर्ट के अनुसार, इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि संविधान से प्यार करने वाले सभी लोगों को आने वाले खतरों से सावधान रहना चाहिए.
नई दिल्ली: माकपा महासचिव सीताराम येचुरी (Sitaram Yechury) ने शुक्रवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) की संविधान (Constitution) के खिलाफ हालिया टिप्पणी को भविष्य के लिए 'खतरनाक संकेत' करार दिया है. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने जयपुर (Jaipur) में अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा था कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 1973 के केशवानंद भारती मामले में अपने फैसले से गलत मिसाल कायम की है.
सीताराम येचुरी ने जगदीप धनखड़ की टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि यह न्यायपालिका पर अभूतपूर्व हमला है. उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान ने संसद की स्थापना की है और कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका अपने अधिकार और शक्ति संविधान से ही प्राप्त करते हैं. COVID-19 Center Scam: ईडी ने BMC कमिश्नर इकबाल चहल को भेजा समन, 100 करोड़ के घोटाले का मामला
उन्होंने कहा कि संविधान सर्वोच्च है और बहुमत की निरंकुशता का प्रयोग करने वाली कोई भी सरकार हमारे गणतंत्र की मूल संरचना को कमजोर नहीं कर सकती है. माकपा नेता ने कहा कि उपराष्ट्रपति उसी संविधान की सर्वोच्चता पर सवाल उठा रहे हैं जिसके तहत उन्होंने पद संभाला था.
येचुरी ने समझाया कि संविधान की केंद्रीयता भारत की संप्रभुता को बनाए रखने में निहित है. येचुरी ने कहा कि लोगों की संप्रभुता को संवैधानिक योजना के सूत्र में किसी भी बिंदु पर प्रतिस्थापित नहीं किया जा सकता है. रिपोर्ट के अनुसार, इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि संविधान से प्यार करने वाले सभी लोगों को आने वाले खतरों से सावधान रहना चाहिए.