COVID-19 Vaccine Update: भारत में ऑक्सफोर्ड के कोरोनो वैक्सीन का फिर से शुरू होगा ह्यूमन ट्रायल, डीसीजीआई ने दी मंजूरी

ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ़ इंडिया (DCGI) ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित किए गए कोरोना वायरस वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल को देश में फिर से शुरू करने के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) को अनुमति दे दी है.

प्रतीकात्मक फोटो (Photo credits: Flickr)

नई दिल्ली: ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ़ इंडिया (DCGI) ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी (Oxford University) द्वारा विकसित किए गए कोरोना वायरस वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल (Clinical Trial) को देश में फिर से शुरू करने के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) को अनुमति दे दी है. साथ ही औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने अपने पहले के उस आदेश को भी रद्द कर दिया है, जिसमें नए कैंडिडेट पर इसका ह्यूमन ट्रायल करने के लिए कहा गया था.

डीसीजीआई ने कुछ समय पहले भारतीय सीरम संस्थान को आदेश दिया था कि वह दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका द्वारा दूसरे देशों में ऑक्सफॉर्ड कोविड-19 टीके का परीक्षण रोके जाने के मद्देनजर दूसरे और तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल के लिये नए उम्मीदवारों की भर्ती को अगले आदेश तक रोक दे. कोरोना वायरस महामारी ने 3.7 करोड़ लोगों को अत्यधिक गरीबी में धकेला: गेट्स फाउंडेशन

महानियंत्रक डॉक्टर वी जी सोमानी (V G Somani) ने एक आदेश में एसआईआई से कहा था कि परीक्षण के दौरान अभी तक टीका लगवा चुके लोगों की सुरक्षा निगरानी बढ़ाए. साथ ही योजना और रिपोर्ट भी मांगी थी. जिसके बाद अब एक बार फिर देश के 17 स्थानों पर क्लिनिकल ट्रायल शुरू करने की मंजूरी दी गई है.

डीजीसीआई ने अपने नोटिस में लिखा, "सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, पुणे ने अब तक केंद्रीय लाइसेंसिंग प्राधिकरण को अन्य देशों में एस्ट्राजेनेका द्वारा किए जा रहे क्लीनिकल ट्रायल रोकने के बारे में सूचित नहीं किया है. ना ही उस घटना का विश्लेषण पेश किया है, जिसमें वॉलेंटियर में गंभीर प्रतिकूल रिएक्शन हुआ है. ऐसे में फेस 2 और 3 के देश में परीक्षण जारी रखना सुरक्षा की दृष्टि से गलत है."

इसमें आगे कहा गया, "उपरोक्त को मद्देनजर रखते हुए मैं, डॉ.वी.जी. सोमानी, ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया और सेंट्रल लाइसेंसिंग अथॉरिटी, आपको न्यू ड्रग्स एंड क्लिनिकल ट्रायल रूल्स, 2019 के नियम 30 के तहत कारण बताने के लिए कहते हैं कि क्यों न 2 अगस्त को आपको क्लीनिकल ट्रायल के लिए दी गई अनुमति को पेशेंट की सुरक्षा स्थापित होने तक रद्द कर दिया जाए."

उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन के एक वॉलेंटियर को एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किए जा रहे कोविशिल्ड का बूस्टर डोज दिया गया था, जिसके बाद उस पर संदिग्ध गंभीर रिएक्शन हुए थे. भारत में एसआईआई वैक्सीन ट्रायल के लिए ऑक्सफोर्ड के जेनर इंस्टीट्यूट का पार्टनर है. (एजेंसी इनपुट के साथ)

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