COVID-19: केंद्र ने राज्यों से कहा, मंगलवार को सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर मॉक ड्रिल कराएं

कई देशों, खासकर चीन में कोविड के बढ़ते डर के बीच केंद्र ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से मंगलवार (27 दिसंबर) को देशभर में पहचान किए गए कोविड केंद्रों सहित सभी स्वास्थ्य सुविधाओं पर मॉक ड्रिल आयोजित करने को कहा है.

(Photo Credit Twitter/shubhamrai80)

नई दिल्ली, 25 दिसंबर : कई देशों, खासकर चीन में कोविड (COVID) के बढ़ते डर के बीच केंद्र ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से मंगलवार (27 दिसंबर) को देशभर में पहचान किए गए कोविड केंद्रों सहित सभी स्वास्थ्य सुविधाओं पर मॉक ड्रिल आयोजित करने को कहा है. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने शनिवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे एक पत्र में कहा है, "दुनियाभर के कई देशों में कोविड के मामलों में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए यह आवश्यक है कि सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में किसी भी आपात स्थिति में आवश्यक सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय किए जाएं. कोविड-19 स्वास्थ्य सुविधाओं की तैयारी महत्वपूर्ण है."

भूषण ने कहा कि निर्णय लिया गया है कि 27 दिसंबर को देशभर में चिह्न्ति कोविड-समर्पित स्वास्थ्य सुविधाओं सहित सभी स्वास्थ्य सुविधाओं में मॉक ड्रिल आयोजित की जाए. इस अभ्यास का उद्देश्य इन स्वास्थ्य सुविधाओं के प्रबंधन के लिए परिचालन तत्परता सुनिश्चित करना है. यह भी पढ़ें : Qutub Minar Controversy: अदालत ने हस्तक्षेप याचिका पर आदेश की समीक्षा के लिए दायर अर्जी खारिज की

केंद्र ने कहा है कि इस अभ्यास के दौरान, सभी जिलों को कवर करने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं की भौगोलिक रूप से प्रतिनिधि उपलब्धता, आइसोलेशन बेड जैसी बिस्तर क्षमता, ऑक्सीजन समर्थित आइसोलेशन बेड, आईसीयू बेड और वेंटिलेटर सपोर्ट वाले बेड और मानव संसाधन की इष्टतम उपलब्धता पर ध्यान केंद्रित किया जाए. मंत्रालय ने मॉक ड्रिल के माध्यम से कोविड-19 प्रबंधन पर प्रशिक्षित स्वास्थ्य पेशेवरों की उपलब्धता, उन्नत और बुनियादी जीवन समर्थन (एएलएसएफबीएलएस) एंबुलेंस की उपलब्धता और परीक्षण क्षमता, रसद उपलब्धता, आवश्यक दवाओं, वेंटिलेटर और मेडिकल ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा है.

पत्र में कहा गया है, मॉक ड्रिल संबंधित जिला कलेक्टरों/जिला मजिस्ट्रेटों के समग्र मार्गदर्शन में राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ गहन परामर्श से किया जा सकता है. पत्र में यह भी कहा गया है, "किसी भी अंतर के आकलन पर अनुवर्ती कार्रवाई संबंधित राज्यों के अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव (स्वास्थ्य) और राज्यों के एमडी-एनएचएम द्वारा की जानी चाहिए, जिन्हें स्वास्थ्य मंत्री के समग्र मार्गदर्शन में व्यक्तिगत रूप से अभ्यास की निगरानी करने की भी जरूरत होगी."

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