मर्यादा बनाए रखें... चुनाव आयोग की बीजेपी और कांग्रेस को नसीहत, इन मुद्दों को लेकर फटकारा
लोकसभा चुनाव के पांच चरण समाप्त होने के बाद, चुनाव आयोग ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी सहित स्टार प्रचारकों के चुनावी भाषणों को लेकर सत्तारूढ़ बीजेपी और मुख्य विपक्षी कांग्रेस को आड़े हाथों लिया.
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के पांच चरण समाप्त होने के बाद, चुनाव आयोग ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी सहित स्टार प्रचारकों के चुनावी भाषणों को लेकर सत्तारूढ़ बीजेपी और मुख्य विपक्षी कांग्रेस को आड़े हाथों लिया. बीजेपी अध्यक्ष जे.पी.नड्डा और कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे को जारी अलग-अलग निर्देशों में चुनाव आयोग ने कहा कि उनके स्टार प्रचारक चुनाव प्रचार के दौरान शिष्टाचार बनाए रखें और विभाजनकारी प्रवचन से बचें. आयोग ने कहा, देश का सामाजिक-सांस्कृतिक परिवेश चुनावों के कारण प्रभावित नहीं हो सकता. लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद झूमेगा शेयर मार्केट, PM मोदी बोले- प्रोग्रामर भी थक जाएंगे.
स्टार प्रचारकों के नेतृत्व में प्रचार की गिरती गुणवत्ता के मद्देनजर पार्टियों को चुनाव आयोग (Election Commission) का यह आदेश है. चुनाव आयोग ने धार्मिक आधार पर वोटों की अपील करने और सुरक्षाबलों के नाम पर मतदाताओं को रिझाने पर ऐतराज जताया है. आयोग ने बीजेपी और कांग्रेस को नसीहत दी है. आयोग ने कांग्रेस को नसीहत दी है कि वह सुरक्षाबलों पर राजनीतिकरण न करे. चुनाव आयोग ने बीजेपी को सलाह दी है कि वह धार्मिक आधार पर प्रचार न करे.
बीजेपी-कांग्रेस को EC की नसीहत
- EC ने बीजेपी अध्यक्ष को निर्देश दिया कि वे सभी स्टार प्रचारकों को ऐसा कोई भाषण और बयान न देने के लिए कहें, जो समाज को विभाजित कर सकता हो; धार्मिक/सांप्रदायिक आधार पर किसी भी तरह के प्रचार-प्रसार के तरीकों/बोलने से बचें.
- EC ने कांग्रेस को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि स्टार प्रचारक ऐसे बयान न दें जो गलत धारणा देते हों जैसे कि भारत के संविधान को समाप्त किया जा सकता है या बेचा जा सकता है.
- अग्निवीर योजना पर, चुनाव निकाय ने कांग्रेस प्रचारकों या उम्मीदवारों से रक्षा बलों का राजनीतिकरण नहीं करने और रक्षा बलों की सामाजिक-आर्थिक संरचना के बारे में संभावित विभाजनकारी बयान नहीं देने को कहा.
चुनाव आयोग ने कहा, दोनों प्रमुख दलों को भारतीय मतदाताओं के गुणवत्तापूर्ण चुनावी अनुभवों की विरासत को कमजोर करने की अनुमति नहीं है. इससे पहले दोनों पार्टियों ने चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया था और एक-दूसरे के नेताओं के खिलाफ शिकायत की थी. चुनाव निकाय ने नोटिस जारी किया था और आरोपों पर उनकी प्रतिक्रिया मांगी थी.