जानिए शरीर में कितने दिन तक मौजूद रहते हैं एटीबॉडी
अक्सर यह सवाल लोग पूछते हैं कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिये शरीर में बनने वाले एंटीबॉडे कितने दिन तक रहेंगे और कोरोना का संक्रमण दोबारा हो सकता है या नहीं. इस सवाल का जवाब एक शोध में सामने आ गया है. दरअसल कोरोना से ठीक हुये मरीजों के एंटीबॉडी पर मुंबई में एक शोध किया गया है.
अक्सर यह सवाल लोग पूछते हैं कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिये शरीर में बनने वाले एंटीबॉडी कितने दिन तक रहेंगे और कोरोना का संक्रमण दोबारा हो सकता है या नहीं. इस सवाल का जवाब एक शोध में सामने आ गया है. दरअसल कोरोना से ठीक हुये मरीजों के एंटीबॉडी पर मुंबई में एक शोध किया गया है.
इस शोध के बारे सफदरजंग हॉस्पिटल, नई दिल्ली के डॉ. नितेश कहते हैं कि मुंबई में जो शोध हुआ उसमें अलग-अलग लोगों में एंटीबॉडी पाए जाने की अलग-अलग समय सीमा देखने को मिली. किसी में एक महीने, किसी में एक हफ्ते, तो कई में 15 दिन तक एंटीबॉडी पाए गए. यह वायरस नया है, इसलिए यह पक्का नहीं है कि शरीर में इम्युनिटी कितनी है और शरीर कितने एंटीबॉडी बना सकता है. इस पर अभी और रिसर्च की जरूरत है, तभी स्थिति साफ होगी कि एंटीबॉडी कितने दिन तक शरीर में रहते हैं. इसके अलावा उन्होंने कहा एंटीबॉडी का शरीर में बनने और शरीर में मौजूद रहने की सीमा काफी हद तक शरीर की इम्युनिटी पर भी निर्भर करती है.
एंटीबॉडी के अलावा दिल्ली स्थित एम्स में भी कोरोना के कुछ मरीजों का अध्ययन किया गया, जिसमें पाया गया कि सांस, फेफड़ के अलावा कोरोना हृदय, किडनी पर भी कोरोना का भी प्रभाव पड़ रहा है. इस बारे में डॉ नितेश कहते हैं कि इसके लिये 122 मरीजों पर अध्ययन किया गया है. उनमें से ज्यादातर मरीजों में हृदय, किडनी और न्यूरो पर कोरोना का अधिक असर पड़ा है. इससे साफ है कि शुरू में यह वायरस श्वसन तंत्र पर हमला करता है फिर शरीर में फैलने के बाद किसी भी अंग को प्रभावित कर सकता है. इसलिये अनलॉक के दौरान लोगों को बहुत ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है. मास्क लगाने और हाथ साफ करने में कोई कोताही न करें.
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बाजार का मास्क धुलना कितना सुरक्षित:
छोटे बच्चे से कहा जाता है कि मुंह में अंगुली मत डाले, लेकिन वो बार-बार मुंह में अंगुली डालता है. बच्चे को संक्रमण से बचाने के लिए यह कहा जाता है, उसी तरह अब सभी से कहा जा रहा है कि मुंह, नाक, आंख छूने से पहले हाथ धोना जरूरी है. इसी प्रकार लोगों को मास्क लगाने में पेरशानी हो रही है, उन्हें उलझन हो रही है, लेकिन यह उनके फायदे के लिए ही है. कई लोग यह सोचकर कि कुछ दूर तक ही तो जाना है, मास्क नहीं लगाते हैं. ऐसी लापरवाही से ही कोरोना से संक्रमित हो जाते हैं. इसलिए आदत डालनी होगी, तभी सुरक्षित रह सकते हैं. बाजार के मास्क को धोने पर उन्होंने कहा कि अगर एन95 मास्क लेने जा रहे हैं तो ISI का मार्क और क्वालिटी जरूर देखें. वैसे ज्यादातर एन95 मास्क ऐसे नहीं होते हैं, जिन्हें धोया जा सके.
अंगूठे का निशान लगाने से संक्रमण का कितना खतरा:
कई सरकारी सेवा का लाभ लेने के लिये अगर कहीं अंगूठा लगवाया जाता है तो, अंगूठा लगाने से पहले सेनिटाइजर से हाथ साफ करें. अंगूठा लगाने के बाद फिर से हाथों को सेनिटाइज करें. ऐसे सेवा केंद्र पर मास्क जरूर लगायें और भीड़ भाड़ से दूर रहें.