नई दिल्ली, 5 सितंबर: जल्द ही दिल्ली के बाजारों, बस स्टैंड, मोहल्ला क्लीनिकों और साप्ताहिक बाजारों में भी कोरोना की टेस्टिंग की जाएगी. दिल्ली में कोरोना का पता लगाने के लिए टेस्टिंग की संख्या बढ़ाकर 40 हजार टेस्ट प्रतिदिन की जा चुकी है. टेस्ट की संख्या बढ़ाने के साथ ही दिल्ली में अब नए कोरोना रोगियों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है. बीते 24 घंटे के दौरान 29 सौ से अधिक कोरोना रोगी सामने आए हैं. इस पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, दिल्ली में अभी चिंता करने की कोई बात नहीं है. स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है, हालांकि किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती जानी चाहिए.
मुख्यमंत्री ने कोरोना से होने वाली मौतों को रोकने पर जोर दिया है. उन्होंने कहा, यदि किसी को कोरोना हुआ और वह व्यक्ति ठीक हो जाता है तो दिक्कत की कोई बात नहीं है. दिक्कत तब है जब किसी व्यक्ति को कोरोना हो और उसकी मृत्यु हो जाए. कोरोना से होने वाली मौत को रोकने के लिए दिल्ली सरकार ने डॉक्टरों की एक विशेष समिति का गठन किया है. इस समिति ने उन सभी अस्पतालों का ऑडिट किया जहां कोरोना के कारण अधिक लोगों की मृत्यु हो रही है. ऑडिट के दौरान कई छोटी-बड़ी खामियों का पता का पता चला, जिसके बाद उसमें सुधार किया गया है.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, बीते 24 घंटे में दिल्ली में कोरोना के 2900 से अधिक नए मामले सामने आए हैं. इस दौरान 13 लोगों की मौत हुई है. हम चाहते हैं कि कोरोना से एक व्यक्ति की भी मौत न हो, लेकिन यदि 13 मौत की बात की जाए तो यह एक दिन में सामने आए कुल रोगियों का 0.4 फीसदी है. वहीं जून में भी, 27 जून को 1 दिन में 29 सौ नए कोरोना रोगी सामने आए थे और उसी दिन 66 व्यक्तियों की कोरोना से मृत्यु हुई थी. अब यह आंकड़ा काफी नीचे आया है. अब प्रतिदिन 10 से 20 व्यक्तियों की कोरोना के कारण मृत्यु हो रही है, जिस पर हम नियंत्रण करने की कोशिश कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने स्वीकार किया कि बीते कुछ दिनों में दिल्ली में कोरोना के मामलों में वृद्धि हुई है. मुख्यमंत्री ने कहा, हमने इस विषय पर विशेषज्ञों से बात की है कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि यह कोरोना की फिर से आई दूसरी लहर है. कुछ कहते हैं कि यह दूसरी लहर नहीं है. हमें इन तकनीकी बातों को किनारे रखकर आवश्यक सावधानी बरतनी होगी. 15 अगस्त से अभी तक दिल्ली में कोरोना के कारण होने वाली मृत्यु दर 1 प्रतिशत है. जबकि राष्ट्रीय स्तर पर कोरोना से होने वाली मृत्यु दर 1.7 प्रतिशत है.
मुख्यमंत्री ने कहा, दिल्ली के अस्पतालों में 14000 बेड कोरोना रोगियों के लिए आरक्षित किए गए हैं. इनमें से अभी केवल 5000 बेड ही भरे हैं. उनमें भी 16-17 सौ लोग दिल्ली के बाहर दूसरे राज्यों से आए हैं. यानी दिल्ली के सिर्फ 33-34 सौ लोग ही अस्पतालों में भर्ती हैं. अस्पतालों में पर्याप्त बेड उपलब्ध हैं, लेकिन और बेड की आवश्यकता पड़ती है तो हम उसकी भी व्यवस्था करेंगे.
मास्क न लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करने पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी जताई. उन्होंने कहा, हमें कामकाज के लिए निसंदेह घर से बाहर निकलना चाहिए, लेकिन इस दौरान मास्क का इस्तेमाल किया जाना चाहिए और सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन करना चाहिए. तबीयत खराब होने पर तुरंत टेस्टिंग करवाएं ताकि यदि आप कोरोना से ग्रस्त हैं तो बाकी लोग सचेत हो सके और आपको सही समय पर सही उपचार मिल सके.