कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल का PM मोदी से सवाल, नोटबंदी 'घोटाले' की जांच क्यों नहीं हुई
कपिल सिब्बल (Photo Credit-YouTube)

नई दिल्ली: कांग्रेस ने बुधवार को नोटबंदी को देश का 'सबसे बड़ा घोटाला' बताया. यहां एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) पर 'लूट' के 'सबूत' होने के बाद भी जांच के आदेश नहीं देने और 'निंद्रा में होने' का आरोप लगाया. सिब्बल ने कहा, "नोटबंदी देश का सबसे बड़ा घोटाला है. कांग्रेस की ओर से जारी बयान के अनुसार, "जब ये सब हो रहा था तब चौकीदार क्यों सो रहे थे? जांच की गैर मौजूदगी दिखाती है कि जो भी इस लूट में शामिल हैं, उन्हें बचाया जा रहा है। जो भ्रष्टाचार में शामिल हैं, उन्हें साफ-सुथरा नहीं कहा जा सकता है."

बयान में कहा गया है कि नौ अप्रैल को कांग्रेस के 'एक्सपोज' में एक फील्ड असिस्टेंट राहुल राथरेकर की कथित भूमिका के बारे में बताया गया था। वीडियो में दिख रहा है कि वह पहचान पत्र के जरिए अपनी पहचान साबित कर रहा है. उन्होंने कहा कि 'एक्सपोज' में एक बैंकर की भूमिका के बारे में भी बताया गया है. सिब्बल ने कहा कि जिसके बाद कैबिनेट सचिवालय ने एक बयान जारी कर कहा कि राथरेकर एक कांस्टेबल-स्तर का कर्मचारी था और पुराने करेंसी नोट को बदलने के संदेह में उसे जून 2017 में ही हटा दिया गया था. यह भी पढ़े: नोटबंदी के साइड इफेक्ट्स: 50 लाख लोगों ने गंवाई अपनी नौकरी- रिपोर्ट

पार्टी ने कहा कि यह बयान स्पष्ट रूप से दिखाता है कि मार्च 26 और 9 अप्रैल को हुए घोटाले को पार्टी द्वारा उजागर करना सही था और वीडियो से पता चलता है कि किस तरह से यह आदान-प्रदान हुआ था. सिब्बल ने कहा, "सरकारी अधिकारियों, बैंकरों और राज्य अधिकारियों की संलिप्तता राजकोष में हुई लूट को दर्शाती है, जैसा पहले कभी नहीं हुआ था। कौन इस लूट के लिए जिम्मेदार है? इसकी विस्तृत जांच कराने की जरूरत है. यह सरकार घोटाले के बारे में जानकारी के बावजूद जांच करवाने में असफल रही है." पूर्व मंत्री ने कहा, "यह दिखाता है कि आधिकारिक तंत्र इस बड़े घोटाले में खुद को समृद्ध करने में सक्रिय रूप से लगा हुआ था."उन्होंने कहा कि 26 मार्च को गुजरात में पैसों की अदला-बदली को लेकर दिखाया गए एक वीडियो घोटाले और भाजपा के करीबियों के बीच संबंध साबित करता है. सिब्बल ने कहा, "यह शर्म का विषय है कि मामला उजागर होने के बाद भी सरकार ने कोई भी जांच नहीं कराई."