Haryana Flood: सीएम मनोहर लाल ने दिल्ली में बाढ़ के लिए हरियाणा को जिम्मेदार ठहराने वाले नेताओं पर निशाना साधा, कही ये बात
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चंडीगढ़, 16 जुलाई: मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने रविवार को दिल्ली में बाढ़ जैसी स्थिति के लिए हरियाणा को जिम्मेदार ठहराने वाले नेताओं पर निशाना साधा है सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि संकट के समय दोष देने का खेल खेलना अशिक्षित होने के सबूत के अलावा कुछ नहीं है उन्‍होंने कहा कि हरियाणा में बाढ़ के कारण 30 लोगों की जान चली गई है. यह भी पढ़े: Haryana CM Lays Stone For Development Projects: गडकरी के साथ सीएम खट्टर रखेंगे 3,835 करोड़ की परियोजना की आधारशिला

रोहतक में मीडिया से बात करते हुए सीएम खट्टर ने बताया, ''कुछ प्रमुख नेता यह दावा करते हुए तस्वीरें वायरल करके हरियाणा को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं कि ऐसा केवल इसलिए हुआ क्योंकि राज्य ने हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़ा है जिस कारण उनके यहां बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है.

सीएम ने कहा कि इस तरह के बयान देना और कुछ नहीं बल्कि उनकी ओछी मानसिकता को दर्शाता है मुझे लगता है कि अगर गलत जानकारी के कारण कोई पीएचडी डिग्री होगी तो इन लोगों को निश्चित रूप से वह मिल जाएगी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि यमुना नदी में जलस्तर बढ़ने के कारण बनी बाढ़ जैसी स्थिति का सबसे पहले असर यमुनानगर जिले के गांवों पर ही पड़ा है यमुना में जल स्तर बढ़ने से स्थिति इतनी खराब हो गई कि हमें जिले के दो गांव खाली कराने पड़े.

इसके पीछे क्या तर्क है कि पहले हम अपने जिलों को डुबोएंगे और फिर दिल्ली को डुबोएंगे? हमें बदनाम करने से पहले इन लोगों को यह स्पष्ट समझ लेना चाहिए कि हरियाणा में दिल्ली से ज्यादा यमुना से सटे जिले हैं.

सीएम खट्टर ने आगे कहा कि यदि कोई अप्रिय स्थिति उत्पन्न हुई तो हरियाणा अधिक प्रभावित होगा ऐसे बयानों से हरियाणा की बदनामी नहीं होगी हमारी अपनी पहचान है हम हानि पहुंचाने में नहीं सेवा करने में विश्वास रखते हैं उन्होंने कहा कि जब से नहरें और बांध बने हैं, एक लिखित नियम है जो कहता है कि हर बैराज की एक निश्चित क्षमता होती है और उस क्षमता से अधिक पानी को डायवर्ट कर दिया जाता है.

सीएम ने समझाया कि लेकिन जब जल स्तर बढ़ता है तो नहरों का डायवर्जन रोक दिया जाता है क्योंकि अतिरिक्त जल प्रवाह प्रणाली को नुकसान पहुंचा सकता है अगर इसे बंद रखा जाए तो सिस्टम सुरक्षित रहेगा इसके बाद पानी का प्राकृतिक प्रवाह उसी दिशा में हो जायेगा भाखड़ा में भी, यदि उफान होता है, तो पानी सतलुज जैसी नदियों में चला जाता है, भाखड़ा मुख्य नहर में नहीं.

सीएम ने कहा कि हम पर आरोप लगाने से पहले दिल्ली को यह याद रखना चाहिए कि हरियाणा उसकी पानी की जरूरतें पूरी कर रहा है हम न सिर्फ दिल्ली की पानी की जरूरत पूरी करते हैं बल्कि दिल्ली को उसके हिस्से से ज्यादा पानी दे रहे हैं दिल्ली का हिस्सा 750 क्यूसेक है और आज भी हरियाणा दिल्ली को 1,070 क्यूसेक पानी देता है कुल 320 क्यूसेक पानी अपने हिस्से से अधिक देता है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली को हरियाणा से अतिरिक्त पानी लेने के लिए भुगतान करने के निर्देश के बाद भी दिल्ली ने 320 क्यूसेक अतिरिक्त पानी लेने के लिए कभी भी कोई भुगतान नहीं किया है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर आज एसवाईएल नहर बन जाती तो पंजाब को कम नुकसान होता। पंजाब से अतिरिक्त वर्षा जल हरियाणा में निर्मित एसवाईएल में बह गया, जिसके कारण अंबाला और कुरुक्षेत्र जिलों के क्षेत्र जलमग्न हो गए अधूरे एसवाईएल के कारण ही ये दोनों जिले डूबे थे लेकिन हमने पंजाब पर इस स्थिति के लिए कभी आरोप नहीं लगाया.

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले वर्षों में मानसून के दौरान 145 मिमी बारिश होती थी, लेकिन इस बार राज्य में 245 से 250 मिमी बारिश हुई है, जो 80 प्रतिशत अधिक है उन्होंने कहा कि राज्य में जान-माल को हुए नुकसान के आकलन की रिपोर्ट अगले दो दिनों में आने की उम्मीद है.

अब तक की जानकारी के मुताबिक, 30 लोगों की मौत हो गई है, 133 घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं, 183 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं और 110 जानवरों की मौत हो गई है साथ ही 1.60 लाख हेक्टेयर इलाके में पानी भर गया है.