Badlapur Encounter: अगर आरोपी भाग जाता तो? सीएम शिंदे ने किया पुलिस का बचाव

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बुधवार को बदलापुर में दो नाबालिग लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न के आरोपी अक्षय शिंदे की हिरासत में मौत के मामले में पुलिस का बचाव किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारियों ने आत्मरक्षा में गोली मारी थी.

मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने बुधवार को बदलापुर में दो नाबालिग लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न के आरोपी अक्षय शिंदे की हिरासत में मौत के मामले में पुलिस का बचाव किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारियों ने आत्मरक्षा में गोली मारी थी. इंडिया टुडे कॉन्क्लेव मुंबई में बोलते हुए सीएम शिंदे ने कहा, "पुलिस ने आत्मरक्षा में गोली मारी थी. उनके पास शोपीस के लिए बंदूक नहीं थी. अगर वह भाग गया होता तो विपक्ष ने आलोचना की होती और कहा होता कि हमने उसे भागने दिया. एनकाउंटर में पुलिस भी घायल हो गई. हमें पुलिस का समर्थन करना चाहिए."

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मुख्यमंत्री ने कहा कि अक्षय शिंदे की चार पत्नियां थीं और उनमें से एक ने उसके खिलाफ अप्राकृतिक यौन संबंध का मामला दर्ज कराया था और उसे "राक्षस" कहा था. "महिला ने उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. उसने बयान दिया और कहा कि वह एक राक्षस है. उसकी चार पत्नियां थीं. सोचिए उसने उन पर कितना अत्याचार किया होगा."

मुख्यमंत्री ने कहा, "जब उसने उन स्कूल में बच्चियों के साथ यौन उत्पीड़न किया था जो उम्र में उसकी बेटियों के बराबर हैं, तो सोचिए कि पीड़िताओं पर क्या बीती होगी. यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है."

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विपक्ष पर बरसे सीएम शिंदे

एकनाथ शिंदे ने विपक्ष पर घटना को लेकर अपना रुख बदलने का आरोप लगाया. सीएम ने कहा "उन्होंने बदलापुर रेलवे स्टेशन पर नौ घंटे तक रेल सेवाएं बाधित की थी. उन्होंने कहा था कि हम यहां अपराधी को फांसी देंगे. और अब, जब एनकाउंटर हुआ, तो वे हम पर दोषारोपण कर रहे हैं. यह पाखंड की राजनीति है," .

अक्षय शिंदे पर बदलापुर के एक स्कूल में दो नाबालिग लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न का आरोप था. उसे सोमवार शाम को उसकी पूर्व पत्नी की शिकायत पर उसके खिलाफ दर्ज एफआईआर के संबंध में नवी मुंबई के तालोजा जेल से बदलापुर ले जाया जा रहा था, जब गोलीबारी की घटना हुई, जिसके परिणामस्वरूप उसकी मौत हो गई.

क्या हुआ था?

पुलिस के अनुसार, अक्षय शिंदे की मौत थाने के मुंब्रा बाईपास के पास हुई थी, जब उसने कथित तौर पर एक पुलिसकर्मी की बंदूक छीन ली थी, जबकि उसे एक पुलिस वाहन में जांच के हिस्से के रूप में ले जाया जा रहा था. उन्होंने कहा कि एक एपी को गोली मारकर घायल करने के बाद, पुलिस एस्कॉर्ट टीम के एक अन्य अधिकारी ने उस पर गोली चलाई, और उसे कालवा नागरिक अस्पताल के डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था.

बॉम्बे हाई कोर्ट उठाए एनकाउंटर पर सवाल

इस बीच, बॉम्बे हाई कोर्ट ने आज राज्य पुलिस के खिलाफ कुछ गंभीर टिप्पणियां कीं. अदालत ने कहा कि अगर पुलिस ने पहले शिंदे को खत्म करने की कोशिश की होती तो गोलीबारी से बचा जा सकता था. यह विश्वास करना बहुत कठिन है कि उसने एक पुलिस अधिकारी से पिस्तौल छीन ली और गोली चला दी.

अदालत ने पूछा कि आरोपी को सिर में क्यों गोली मारी गई, हाथ या पैरों पर पहले क्यों नहीं? जस्टिस रेवती मोहित डेरे और पृथ्वीराज चावण की खंडपीठ ने कहा कि अगर उन्हें लगता है कि जांच ठीक से नहीं की जा रही है, तो वह उचित आदेश पारित करने के लिए बाध्य होगी. पीठ ने मामले को 3 अक्टूबर को आगे सुनवाई के लिए पोस्ट किया.

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