पेयजल परियोजना के विकास की जमीनी हकीकत जानने के लिये मुख्यमंत्री बुंदेलखंड में करेंगे प्रवास
यूपी के मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ ने बुधवार को नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग की योजनाओं की समीक्षा करते हुए जल जीवन मिशन के इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि वह शीघ्र ही बुन्देलखण्ड क्षेत्र की पेयजल परियोजनाओं के कायरें की समीक्षा के लिए वहां प्रवास करेंगे.
लखनऊ, 13 अप्रैल : यूपी के मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने बुधवार को नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग की योजनाओं की समीक्षा करते हुए जल जीवन मिशन के इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि वह शीघ्र ही बुन्देलखण्ड क्षेत्र की पेयजल परियोजनाओं के कायरें की समीक्षा के लिए वहां प्रवास करेंगे. लोकभवन में बुधवार को आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र की पेयजल परियोजनाओं को तय समय में पूरा किया जाए. बुंदेलखंड के लिए अपना प्रवास तय करते हुए निर्देश दिया कि जल शक्ति मंत्री, विभाग के राज्य मंत्री, अधिकारी और जल निगम के वरिष्ठ अभियंता इस सप्ताह से बुंदेलखंड क्षेत्र और विंध्य क्षेत्र में चल रही पेयजल परियोजनाओं की भौतिक समीक्षा करें.
उन्होंने कहा है कि बुन्देलखण्ड एवं विंध्य क्षेत्र की पेयजल परियोजनाओं को तय समय में पूरा किया जाए. जल शक्ति मंत्री एवं राज्य मंत्री, विभागीय अधिकारी एवं जल निगम के वरिष्ठ अभियन्ता इस सप्ताह से बुन्देलखण्ड क्षेत्र एवं विंध्य क्षेत्र में संचालित पेयजल परियोजनाओं के कायरें की भौतिक समीक्षा करें. उन्होंने कहा कि ग्रामीण जलापूर्ति विभाग, नगर विकास विभाग एवं ग्राम्य विकास विभाग के साथ अन्तर्विभागीय समन्वय के माध्यम से पेयजल एवं स्वच्छता सम्बन्धी कायरें को सम्पादित करें. गर्मी के मौसम में लोगांे को कोई दिक्कत न हो इसके ²ष्टिगत जलापूर्ति सम्बन्धी कायरें की नियमित ऑनलाइन मॉनीटरिंग की जाए. उन्होंने सभी परिषदीय विद्यालयों एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिये. यह भी पढ़ें : मुख्यमंत्री योगी ने देखा कृषि उत्पादन सेक्टर के सात विभागों का 100 दिन का प्लान, बोले, बाढ़ से बचाव का काम 15 जून से पहले हो पूरा
मुख्यमंत्री ने बुन्देलखण्ड एवं विंध्य क्षेत्र की जनपदवार पेयजल परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए निर्देशित किया कि पेयजल आपूर्ति, जल प्रबन्धन एवं जल संरक्षण के कायरें की मण्डल एवं जनपद स्तर पर नियमित समीक्षा की जाए. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के विगत 5 वषरें के प्रयासों से सूखे से ग्रस्त रहे बुन्देलखण्ड और विंध्य क्षेत्र के प्रत्येक घर में शुद्ध पेयजल पहुंचाने की कार्रवाई तेजी से आगे बढ़ रही है. जल जीवन मिशन के अन्तर्गत हर घर नल योजना द्वारा लोगों के घरों में पाइप द्वारा शुद्ध पेयजल पहुंचाया जा रहा है. यह बदलते उत्तर प्रदेश की बेहतर तस्वीर है. निर्धारित समय में अधिक से अधिक घरों में जल कनेक्शन के कार्य को पूर्ण किया जाए. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन से प्रदेश सरकार ने राज्य में 40 वषरें से अधूरी पड़ी सिंचाई एवं पेयजल परियोजनाओं को विगत 5 वषरें में तय समय से पहले पूरा करके दिखाया है. बुन्देलखण्ड क्षेत्र के लिए अर्जुन सहायक परियोजना वरदान साबित हो रही है.
कहा कि शुद्ध पेयजल उत्तम स्वास्थ्य का आधार है. इसलिए लोगों में जल प्रबन्धन एवं संरक्षण के लिए जागरूकता कार्यक्रम संचालित किये जाएं. विशेष रूप से दिमागी बुखार, आर्सेनिक एवं फ्लोराइड प्रभावित क्षेत्रों में प्रशिक्षण एवं जागरूकता के कार्यक्रम संचालित किये जाएं. ग्राम पंचायत स्तर पर गठित जल समिति को सक्रिय करते हुए जलापूर्ति कायरें के लिए ग्राम पंचायतों की जवाबदेही तय की जाए. पानी की एक-एक बूंद को बचाने के लिए तकनीक के उपयोग पर बल दिया जाए. जल को बचाना एवं उसे संरक्षित रखना प्रत्येक जिम्मेदार नागरिक का कर्तव्य है.
योगी ने कहा कि पेयजल परियोजनाओं की निर्माण इकाइयांे-ओवर हेड टैंक, पाइप लाइन बिछाने जैसे विभिन्न कायरें को तय समय में पूरी गुणवत्ता के साथ पूरा किया जाए. लोगों को सतत पेयजल की आपूर्ति कराने के लिए जलापूर्ति से सम्बन्धित सभी कायरें का बेहतर प्रबन्धन किया जाए तथा क्षतिपूर्ति से सम्बन्धित कायरें को निष्पादित करने के लिए स्थानीय स्तर के ही किसी प्रशिक्षित व्यक्ति (फिटर) का चयन किया जाए.