रक्षा उत्पादों को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, यूपी के डिफेंस कॉरिडोर में एक हजार करोड़ रुपए का निवेश

रक्षा उत्पादों को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, यूपी के डिफेंस कॉरिडोर में एक हजार करोड़ रुपए का निवेश

प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credits Facebook)

देश में रक्षा उत्पादों को मजबूती देने और पब्लिक सेक्टर, प्राइवेट सेक्टर और एमएसएमई सेक्टर को मजबूती देने के लिए केंद्र सरकार ने देश में दो डिफेंस कॉरिडोर बनाने का ऐलान किया था. इसमें पहला कॉरिडोर चेन्नई से बेंगलुरु के बीच बनाया जाएगा जबकि दूसरा कॉरिडोर उत्तर प्रदेश में बनाया जाएगा. खास बात यह है कि शुरुआती चरण में ही यूपी के डिफेंस कॉरिडोर में अब तक एक हजार करोड़ रुपए का निवेश हो चुका है.

इस संबंध में बुधवार को संसद में जानकारी देते हुए रक्षा राज्य मंत्री श्रीपद नाइक ने यूपी में डिफेंस कॉरिडोर की वर्तमान स्थिति से अवगत कराया.  दरअसल एक फरवरी 2018 के वित्त मंत्री ने देश में दो रक्षा औद्योगिक गलियारे स्थापित करने की घोषणा की. इसके तहत उत्तर प्रदेश में आगरा, अलीगढ़, चित्रकूट, झांसी, कानपुर एवं लखनऊ में 6 नोड्स के साथ उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारा (यूपीडीआईसी) नामक एक गलियारे को विकसित करने का निर्णय लिया गया है. यह भी पढ़े: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से DRDO के प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की, भारतीय उद्योग द्वारा डिजाइन और निर्माण उत्‍पादन करने वाले 108 सिस्टम एंड सबसिस्टम की लिस्ट सौंपी

राज्य मंत्री श्रीपद नाइक ने बताया कि फरवरी, 2021 तक यूपीडीआईसी में कुल 1007 करोड़ रुपए के निवेश की सूचना प्राप्त हुई है.  यूपीडीआईसी के लिए नोडल विभाग, उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीईआईडीए), चिन्हित नोड्स में भूमि का अधिग्रहण करने के लिए उत्तरदायी है। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश सरकार ने यूपीडीआईसी में मूल उपकरण निर्माता (ओईएम) सहित विदेशी कंपनियों के साथ-साथ निजी कंपनियों द्वारा निवेश को आकर्षित करने के लिए अपनी एयरोस्पेस एवं रक्षा नीति को भी प्रकाशित किया है.

बता दें कि उत्तर प्रदेश में डिफेंस कॉरिडोर से करीब ढाई लाख लोगों रोजगार मिलेगा. वहीं पूर्वांचल और बुंदेलखंड एक्सप्रेस को इससे ज्यादा फायदा होगा. यूपीडीआईसी की शुरुआत 11 अगस्त, 2018 को की गई। समारोह के दौरान आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी) / सार्वजनिक क्षेत्र के रक्षा उपक्रमों (डीपीएसयू) एवं निजी उद्योगों द्वारा लगभग 3700 करोड़ रुपए के निवेश की घोषणा की गई.

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