सीडीएस बिपिन रावत ने नई शिक्षा नीति को सराहा, कहा- इससे सशस्त्र बलों को सैनिकों की पहचान करने में मिलेगी मदद

सीडीएस रावत ने कहा, "इस परिवर्तन से सशस्त्र बलों को ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं की पहचान करने में मदद मिलेगी, जो सैनिक के लिए एक व्यावहारिक और अभिनव दृष्टिकोण के लिए बेहतर रूप से अनुकूलित हैं."

सीडीएस जनरल बिपिन रावत (Photo Credit: PTI)

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत (CDS Gen Bipin Rawat) ने शनिवार को नई शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के बारे में बात की. उन्होंने कहा हाल ही में घोषित राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 देश में सीखने की प्रक्रिया को बदल देगी, नई शिक्षा नीति से सशस्त्र बलों को ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं को पहचान में मदद मिलेगी. सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने कहा, "नई शिक्षा नीति सभी स्तरों पर सीखने की प्रक्रिया को बदल देगी.

सीडीएस रावत ने कहा, "इस परिवर्तन से सशस्त्र बलों को ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं की पहचान करने में मदद मिलेगी, जो सैनिक के लिए एक व्यावहारिक और अभिनव दृष्टिकोण के लिए बेहतर रूप से अनुकूलित हैं." जनरल रावत नई शिक्षा नीति लाने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय की तारीफ की. यह भी पढ़ें: New National Education Policy 2020 FAQs: नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति कब लागू होगी, बोर्ड परीक्षाओं में अब क्या अलग होगा, शिक्षण योग्यता सहित यहां जानें सभी प्रश्नों के उत्तर.

नई शिक्षा नीति लाने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय की सराहना करते हुए, देश के वरिष्ठतम सैन्य अधिकारी ने कहा, "नई शिक्षा नीति से हम अपने युवाओं को विकसित होते हुए देखेंगे. हमें युवाओं की सही स्किल्स का पता चलेगा जो उन्हें रोजगार के अवसर तलाशने में मदद करेंगे."

उन्होंने कहा कि कॉलेज स्तर पर मल्टी एंट्री और एग्जिट योजना हमारे युवाओं के लिए एक स्वागत योग्य बदलाव होगा. सीडीएस रावत ने कहा, "शिक्षण संकायों को इस बदलाव के लिए तैयार करना होगा क्योंकि उन्हें सामने से नेतृत्व करना होगा."

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को स्कूल और उच्च शिक्षा में कई बदलावों का प्रस्ताव करते हुए NEP 2020 को मंजूरी दे दी. शिक्षा नीति देश में शिक्षा के विकास के लिए दिशानिर्देश प्रदान करती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई शिक्षा नीति के बारे में बात करते हुए शनिवार को कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 का लक्ष्य रोजगार मांगने वालों की जगह रोजगार देने वालों को तैयार करना और देश की शिक्षा प्रणाली के प्रयोजन तथा विषय-वस्तु में परिवर्तन का प्रयास करना है.

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