नई दिल्ली: सीबीआई के अंदर जारी संघर्ष के बीच सीबीआई डीआईजी मनीष कुमार सिन्हा ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई है. मनीष कुमार सिन्हा ने अपने तबादले के देश को चुनौती देते हुए कहा कि उनका तबादला एक अहम मामले में जांच की दिशा को बदलने के लिए किया गया है. अपनी अर्जी में मनीष कुमार ने मौजूदा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल का नाम लिया. सिन्हा का आरोप है कि अस्थाना के खिलाफ जांच के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने दो मौकों पर तलाशी अभियान रोकने के निर्देश दिए थे. वहीं, एक बिचौलिए ने पूछताछ में बताया था कि गुजरात से सांसद एक केंद्रीय मंत्री को करोड़ों रुपए की रिश्वत दी गई थी.
मनीष कुमार से कोर्ट से कहा है कि उनका तबादला सीबीआई से नागपुर करके एक वरिष्ठ अधिकारी राकेश अस्थाना को फायदा पहुंचाने की कोशिश की गई है. सीबीआई के ज्वाइंट डायरेक्टर मनीष कुमार सिन्हा की सुप्रीम कोर्ट में याचिका ने हड़कंप मचा दिया है. सिन्हा ने अदालत से तुरंत सुनवाई की मांग करते हुए कहा मेरे पास ऐसे दस्तावेज हैं, जो आपको चौंका देंगे. हालांकि अदालत ने तुरंत सुनवाई से इनकार करते हुए कहा कि हमें कोई चीज चौंका नहीं सकती.
याचिका में एमके सिन्हा ने कहा है, “मनोज प्रसाद (अस्थान मामले में गिरफ्तार बिचौलिया) के मुताबिक उसके पिता दिनेश्वर प्रसाद और जॉइंट सेक्रेटरी पद से रिटायर्ड सोमेश के अजित डोवाल (एनएसए) से अच्छे संबंध रहे हैं.” सिन्हा का कहना है कि जब मनोज को सीबीआई दफ्तर जांच के लिए लाया गया तब वह हैरान था कि एनएसए डोभाल के साथ उसके अच्छे संबंध होने के बावजूद सीबीआई उसे कैसे उठा सकती है. याचिका में यह भी दावा किया गया है कि मनोज प्रसाद ने दावा किया है कि समोश और समंत गोयल ने अजित डोभाल के निजी और महत्वपूर्ण काम किए हैं.