नई दिल्ली: पांच राज्यों में विधानसभा की छह सीटों और उत्तर प्रदेश की मैनपुरी संसदीय सीट पर सोमवार को हो रहे उपचुनाव में दोपहर तक मध्यम दर्जे का मतदान दर्ज किया गया। इस दौरान ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायतें और समाजवादी पार्टी द्वारा पुलिस व प्रशासन पर लोगों को मतदान से रोके जाने का आरोप भी लगाया गया. उत्तर प्रदेश में रामपुर सदर और खतौली, ओडिशा में पदमपुर, राजस्थान में सरदारशहर, बिहार में कुढनी और छत्तीसगढ़ में भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए मतदान हो रहा है.
सबकी निगाहें हालांकि मैनपुरी सीट पर हैं जिसका प्रतिनिधित्व पूर्व में समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव करते थे। मुलायम इस सीट से पांच बार निर्वाचित हुए थे. यह सीट मुलायम सिंह यादव के निधन के कारण खाली हुई है. मैनपुरी में समाजवादी पार्टी (सपा) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही है। यहां से अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव चुनाव लड़ रही हैं वहीं भाजपा ने रघुराज सिंह शाक्य को प्रत्याशी बनाया है. यह भी पढ़े: Gujarat Election 2022: गुजरात में वोटिंग को लेकर दिखा जोश, BSF जवान ने शादी से पहले किया मतदान
निर्वाचन आयोग के अधिकारियों के मुताबिक मैनपुरी में अपराह्न एक बजे तक करीब 31.64 प्रतिशत मतदान हो चुका था जबकि खतौली में करीब 33.20 प्रतिशत और रामपुर में लगभग 19.01 प्रतिशत लोग अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर चुके थे. मतदान जैसे-जैसे आगे बढ़ा सपा और भाजपा दोनों ने एक-दूसरे पर आरोप लगाए. सपा ने पुलिस बल के इस्तेमाल का आरोप लगाने के साथ ही कहा कि चुनाव ड्यूटी पर तैनात अधिकारी लोगों को वोट डालने से रोक रहे थे.
भाजपा ने ट्वीट कर आरोप लगाया कि मैनपुरी के कुछ बूथों पर, “सपा के असामाजिक तत्व” लोगों को वोट डालने से रोक रहे थे और उसने चुनाव आयोग के हस्तक्षेप की मांग की. पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से भी मुलाकात की और उन्हें एक ज्ञापन सौंपा. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने विपक्षी दल के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि सपा तीनों सीटों पर हारेगी.
उत्तर प्रदेश की रामपुर सदर और खतौली सीट पर क्रमश: सपा विधायक आजम खान तथा भाजपा विधायक विक्रम सिंह सैनी को अलग-अलग मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद अयोग्य घोषित किए जाने के कारण उपचुनाव जरूरी हो गया था. वहीं ओडिशा के पदमपुर में मतदान के शुरुआती चार घंटों में 29 प्रतिशत से ज्यादा मतदान दर्ज किया गया. ओडिशा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) एस. के. लोहानी ने बताया कि चार मतदान केंद्रों पर ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) में तकनीकी खराबी सामने आई, जिसके बाद उन्हें बदला गया.
सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) ने बिजय रंजन सिंह बरिहा की बेटी बर्षा सिंह बरिहा को मैदान में उतारा है। बिजय रंजन सिंह की मृत्यु के कारण उपचुनाव जरूरी हुआ। वहीं विपक्षी भाजपा के उम्मीदवार पूर्व विधायक और पार्टी के कृषक मोर्चा के अध्यक्ष प्रदीप पुरोहित हैं. निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि बिहार विधानसभा की कुढनी सीट पर उपचुनाव के लिए सोमवार अपराह्न एक बजे तक कुल 3.11 लाख मतदाताओं में से 37 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया.
कुढनी विधानसभा सीट मुजफ्फरपुर जिले के अंतर्गत आती है. इस सीट पर उपचुनाव राजद विधायक अनिल कुमार सहनी की अयोग्यता के बाद जरूरी हो गया था, जिन्हें धोखाधड़ी के एक मामले में दोषी ठहराया गया है और तीन साल की जेल की सजा सुनाई गई है. कुढनी सीट के इस उपचुनाव में कुल 13 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं, जिनमें पांच निर्दलीय प्रत्याशी हैं. वहीं छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले की भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में सुबह नौ बजे तक करीब 9.89 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था.
भानुप्रतापपुर क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक और विधानसभा के उपाध्यक्ष मनोज सिंह मंडावी का 16 अक्टूबर को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था. यह सीट अनुसूचित जनजाति के लिये आरक्षित है और यहां कुल सात उम्मीदवार मैदान में हैं । हालांकि कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला है. राजस्थान में सरदारशहर विधानसभा सीट पर जारी उपचुनाव के तहत शुरुआती तीन घंटे में 19.87 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाले. इस उपचुनाव में कुल 10 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। यह सीट कांग्रेस विधायक भंवर लाल शर्मा के निधन से रिक्त हुई है। शर्मा का नौ अक्टूबर को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था। वे सात बार विधायक रहे.
कांग्रेस ने यहां से दिवंगत विधायक के बेटे अनिल कुमार को उतारा है तो वहीं भाजपा की तरफ से पूर्व विधायक अशोक कुमार मैदान में हैं. उत्तर प्रदेश, ओडिशा और छत्तीसगढ़ में मतदान सुबह सात बजे जबकि राजस्थान में यह सुबह आठ बजे शुरू हुआ. इन उपचुनावों के लिये मतगणना आठ दिसंबर को होगी.
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