Bulli Bai Case: 'बुली बाई' केस में ट्विटर यूजर ने असली मास्टरमाइंड होने का किया दावा, कहा,'निर्दोष लोगों को निशाना बनाना बंद करे पुलिस'
एक ट्विटर यूजर, जिसके नेपाल (Nepal) में होने का संदेह है, उसने दावा किया कि वह 'बुली बाई (Bulli Bai) ऐप' के पीछे असली क्रिएटर और मास्टरमाइंड है. यूजर ने इस मामले में तीन लोगों की गिरफ्तारी की भी आलोचना की और कहा कि पुलिस को 'निर्दोष' युवाओं को निशाना बनाना बंद कर देना चाहिए वरना बुली बाई 2.0 भी आ जाएगी....
Bulli Bai Case: एक ट्विटर यूजर, जिसके नेपाल (Nepal) में होने का संदेह है, उसने दावा किया कि वह 'बुली बाई (Bulli Bai) ऐप' के पीछे असली क्रिएटर और मास्टरमाइंड है. यूजर ने इस मामले में तीन लोगों की गिरफ्तारी की भी आलोचना की और कहा कि पुलिस को 'निर्दोष' युवाओं को निशाना बनाना बंद कर देना चाहिए वरना बुली बाई 2.0 भी आ जाएगी. इस अज्ञात ट्विटर यूजर ने वास्तविक यूजरनेम, पासवर्ड और सोर्स कोड साझा करने की पेशकश की, जिसका उपयोग बुल्ली बाई ऐप बनाने के लिए किया गया था और एक संग्रह लिंक (Archive Link) भी पब्लिश किया है. यह भी पढ़ें: Bulli Bai Case: 'बुली बाई' ऐप मामले में मुख्य साजिशकर्ता नीरज बिश्नोई गिरफ्तार, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने असम से पकड़ा
@giyu44 हैंडल से जाने वाले यूजर ने एक में कहा, "आपने गलत व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, स्लमबाई पुलिस'"जब यह गड़बड़ी शुरू हुई तो मुझे यह भी पता नहीं था कि इससे क्या हो सकता है, इसलिए मैं अपने दोस्तों के खातों का उपयोग करता हूं. विशाल और वह स्वाति लड़की दोनों, मैं उनके अकाउंट का उपयोग करता हूं.. उन्हें यह भी नहीं पता था कि मैं क्या करने जा रहा हूं. अब वे मेरी वजह से गिरफ्तार हो चुके हैं.. बेझिझक मुझे कमेंट में गाली दें, ”यूजर ने आगे कहा.
बाद के एक ट्वीट में यूजर ने कहा, 'अगर कोई मेरी फ्लाइट से यात्रा की व्यवस्था करता है तो मैं व्यक्तिगत रूप से आत्मसमर्पण कर दूंगा. मुंबई पुलिस के अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि वे giyu44 हैंडल के मालिक का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि उसके दावों की पुष्टि की जा सके. बुली बाई केस में अब तक चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है. उत्तराखंड की रहने वाली 18 साल की श्वेता सिंह, बिहार के विशाल झा को बेंगलुरु से, 20 वर्षीय मयंक रावल को उत्तराखंड से और आज पुलिस ने नीरज बिश्नोई नाम के व्यक्ति को असम से गिरफ्तार किया है. पुलिस इसे मुख्य साजिशकर्ता बता रही है. यह भी पढ़ें: 'Bulli Bai' App Case: 'बुली बाई' ऐप केस में तीसरा आरोपी मयंक रावल उत्तराखंड से गिरफ्तार
पुलिस ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि आरोपियों ने अपने ट्विटर हैंडल में सिख समुदाय से संबंधित नामों का इस्तेमाल किया, जो लोगों को उनकी पहचान के बारे में गुमराह करने और सांप्रदायिक एंगल जोड़ने के लिए वेबपेजों को बढ़ावा देते थे. मुंबई पुलिस कोड शेयरिंग प्लेटफॉर्म GitHub पर होस्ट किए गए ऐसे दो विवादास्पद वेबपेजों की जांच कर रही है. पहला वेब पेज जुलाई 2021 में बनाया गया था और दूसरा, बुली बाई, 1 जनवरी को सामने आया था.
बता दें कि,'बुली बाई विवाद 1 जनवरी को सामने आया, जब पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, छात्रों और प्रसिद्ध हस्तियों सहित एक विशेष धर्म की कई महिलाओं की तस्वीरें 'बुकिंग के लिए उपलब्ध' के रूप में पोस्ट की गईं. ताजा विवाद 'सुली डील' मुद्दे के छह महीने बाद आया है. दोनों नाम विशेष धर्म की महिलाओं के लिए अपमानजनक शब्द हैं.