BRICS Summit: चीन को करना होगा LAC का सम्‍मान, पीएम मोदी ने शी जिनपिंग के सामने सीमा गतिरोध पर की दो टूक बात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन (BRICS Summit) से इतर बातचीत के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग को पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर ‘‘अनसुलझे’’ मुद्दों के संबंध में भारत की चिंताओं से अवगत कराया.

PM Narendra Modi | ANI

नयी दिल्ली, 24 अगस्त:  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन (BRICS Summit) से इतर बातचीत के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग को पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर ‘‘अनसुलझे’’ मुद्दों के संबंध में भारत की चिंताओं से अवगत कराया. विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने बताया, 'प्रधानमंत्री ने अन्य ब्रिक्स नेताओं के साथ बातचीत की. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ बातचीत में प्रधानमंत्री ने भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के पश्चिमी क्षेत्र में LAC पर अनसुलझे मुद्दों पर भारत की चिंताओं पर प्रकाश डाला. Pakistan On Chandrayaan 3: रिश्तों में तनाव के बावजूद, पाक मीडिया ने चंद्रयान-3 की सफलता पर दिल खोलकर की तारीफ.

विदेश सचिव ने बताया कि प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखना और भारत-चीन संबंधों को सामान्य बनाने के लिए LAC का सम्मान करना आवश्यक है. इस संबंध में, दोनों नेता अपने संबंधित अधिकारियों को शीघ्र विघटन और तनाव कम करने के प्रयासों को तेज करने का निर्देश देने पर सहमत हुए.

LAC का सम्मान जरूरी

विदेश सचिव ने कहा कि इस संबंध में, दोनों नेता अपने संबंधित अधिकारियों को सैनिकों की शीघ्र वापसी और तनाव कम करने के प्रयासों को तेज करने का निर्देश देने पर सहमत हुए. क्वात्रा ने कहा कि मोदी ने जोहानिसबर्ग में ब्रिक्स के शिखर सम्मेलन से इतर समूह के नेताओं के साथ बातचीत की.

मई, 2020 में पूर्वी लद्दाख में सीमा पर गतिरोध शुरू होने के बाद भारत और चीन के बीच संबंध में तनाव पैदा हो गया. भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच पूर्वी लद्दाख में कुछ स्थानों पर गतिरोध बना हुआ है, जबकि दोनों पक्षों ने व्यापक राजनयिक और सैन्य वार्ता के बाद कई क्षेत्रों से सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया पूरी कर ली है.

भारत और चीन ने 13 और 14 अगस्त को कोर कमांडर-स्तरीय वार्ता का 19वां दौर आयोजित किया, जिसमें पूर्वी लद्दाख के देपसांग और डेमचोक के गतिरोध वाले क्षेत्रों में लंबित मुद्दों को हल करने पर ध्यान केंद्रित किया गया.

एक संयुक्त बयान में बातचीत को ‘‘सकारात्मक, रचनात्मक और गहन’’ बताया गया और दोनों पक्ष शेष मुद्दों को शीघ्रता से हल करने पर सहमत हुए. उच्च-स्तरीय वार्ता के नए दौर के कुछ दिनों बाद, दोनों सेनाओं के स्थानीय कमांडरों ने देपसांग और डेमचोक में मुद्दों को हल करने के लिए दो अलग-अलग स्थानों पर बातचीत की एक श्रृंखला आयोजित की.

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