नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को कालेधन से जुड़े एक मामले में धनशोधन के आरोपी वकील गौतम खेतान (Gautam Khaitan) को 20 फरवरी तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया. इसके बाद खेतान ने मामले में विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार के समक्ष अपनी जमानत अर्जी पेश की. अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) से खेतान की अर्जी पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा है. अदालत ने कहा कि वह जमानत याचिका पर 15 फरवरी को सुनवाई करेगी.
आयकर विभाग द्वारा खेतान के कार्यालयों व दिल्ली व राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में संपत्तियों पर छापेमारी के बाद खेतान को 25 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था. ईडी ने कहा कि पूरी कार्यप्रणाली को गौतम खेतान 'नियंत्रित' कर रहा था और पैसे को इधर से उधर भेजने के लिए वही जिम्मेदार था. वह अपने कनेक्शन और ग्राहकों का दुरुपयोग करता था.
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जिसमें से कई कनेक्शन उसे अपने पिता से विरासत में प्राप्त हुए थे और रकम को दुबई, मॉरीशस, सिंगापुर, ट्यूनीशिया, स्विट्जरलैंड, ब्रिटेन और भारत स्थित कई खातों में इधर से उधर कर धनशोधन करता था. एजेंसी के अधिकारियों ने बताया कि भारत से बाहर वह जिन खातों में रकम भेजता था, उसमें से कई उसकी शेल कंपनियों के खाते भी थे.
गौतम खेतान को अगस्तावेस्टलैंड सौदे में कथित संलिप्त होने को लेकर साल 2014 के सितंबर में गिरफ्तार किया गया था. उसे जनवरी 2015 में जमानत मिली थी. लेकिन, सीबीआई ने उसे इसी मामले के अन्य आरोपी संजीव त्यागी के साथ नौ दिसंबर, 2016 को दोबारा गिरफ्तार कर लिया. हालांकि, बाद में उसे जमानत मिल गई. सीबीआई के आरोप-पत्र में अगस्तावेस्टलैंड सौदे के पीछे खेतान का दिमाग बताया गया है.