BJP सत्ता विरोधी लहर और कमजोर ट्रैक रिकॉर्ड का करेगी मुकाबला
दिल्ली के अधिकांश वाडरें में स्वच्छता, शिक्षा और स्वास्थ्य सहित नागरिक सुविधाओं की खराब स्थिति के कारण लोग भाजपा से नाराज हैं. हालांकि नगर निकाय चुनावों में सत्ता बनाए रखने के लिए बीजेपी अपने स्तर पर सभी प्रयास कर रही है.
नई दिल्ली, 13 नवंबर : दिल्ली के अधिकांश वाडरें में स्वच्छता, शिक्षा और स्वास्थ्य सहित नागरिक सुविधाओं की खराब स्थिति के कारण लोग भाजपा से नाराज हैं. हालांकि नगर निकाय चुनावों में सत्ता बनाए रखने के लिए बीजेपी अपने स्तर पर सभी प्रयास कर रही है. इस कड़ी में पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे के साथ मिलकर प्रचार कर रही है, ताकि प्रतिद्वंद्वी आम आदमी पार्टी के खिलाफ आवश्यक बढ़त मिल सके. दिल्ली के नगर निकायों पर पिछले 15 साल से बीजेपी का शासन है. 2017 में पिछले एमसीडी चुनाव में भगवा पार्टी ने भारी दो-तिहाई बहुमत हासिल किया. भाजपा ने 2012 में 138 व 2017 में 181 तक अपनी सीटों की संख्या बढ़ायी.
सत्ता विरोधी लहर इस बार भाजपा के खिलाफ है. लेकिन सत्ता विरोधी लहर ही एकमात्र ऐसा कारक नहीं है जो भगवा पार्टी के खिलाफ जाता है. दिल्ली में नगर निकायों में इतने वर्षों तक सत्ता में रहने के बावजूद, पार्टी के पास नेतृत्व करने के लिए शायद ही कोई स्थानीय प्रभावशाली चेहरा हो. इस संबंध में यह अभी भी केंद्रीय नेतृत्व और प्रधानमंत्री पर निर्भर है. दूसरी तरफ, अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) आक्रामक रूप से चुनाव लड़ रही है और उसने चुनावी सफलता के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी है. आप ने 2017 के चुनाव में पहली बार एमसीडी चुनाव में प्रवेश किया और 49 वाडरें में विजयी रहे. भले ही वह चुनाव नहीं जीत पाई, फिर भी वह मुख्य विपक्ष के रूप में केवल 31 वाडरें में जीत हासिल करने वाली कांग्रेस को बदलने में कामयाब रही. यह भी पढ़ें : पराली प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिए छोटे किसानों को विशेष प्रोत्साहन राशि देने की अध्ययन में सिफारिश
दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता हरीश खुराना ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि पिछली बार भी सत्ता विरोधी लहर के आरोप लगे थे, लेकिन भाजपा ने अच्छा प्रदर्शन किया और बहुमत से जीती. इस बार भी हम बहुमत से जीतेंगे. कोई मजबूत चेहरा नहीं होने के साथ ही कथित तौर पर लोग भाजपा के कुछ मौजूदा एमसीडी पार्षदों से नाखुश हैं और पार्टी को कड़ी प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ रहा है. इस चुनाव को जीतने के लिए भाजपा के पास अधिक मजबूत मुद्दे हैं. दिल्ली बीजेपी के पास पीएम मोदी का हाथ है जो देश में हर जगह स्वीकार्य है. सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते बीजेपी के पास कार्यकर्ताओं की पूरी फौज है, जो प्रचार और जुड़ाव के लिए घर-घर पहुंच सकती है.
एमसीडी चुनाव से पहले दिल्ली बीजेपी का एक और बड़ा कदम ईडब्ल्यूएस फ्लैटों का आवंटन था. इससे पार्टी को लोगों का समर्थन हासिल करने में मदद मिलेगी.हरीश खुराना ने आईएएनएस से कहा, हमारे पास हमारे काम की रिपोर्ट और हमारे कार्यकर्ता दोनों की शक्ति है. हम निश्चित रूप से एमसीडी में चौथी बार जीतेंगे. उन्होंने कहा, प्रमुख बिंदु यह है कि हमने कोविड के समय में भी काम किया है जब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित बहुत सारे लोग घर बैठे थे. एमसीडी कार्यकर्ता सड़कों पर थे और घरों से कचरा इकट्ठा कर रहे थे, सड़कों और गलियों की सफाई कर रहे थे और वह हमारी मूल ताकत है.
खुराना ने कहा, लैंडफिल साइट के लिए अरविंद केजरीवाल कह रहे हैं कि वे पेरिस से विशेषज्ञ लाएंगे. वह अभी भी पता लगा रहे हैं, लेकिन हमने पहले ही उस साइट पर काम करना शुरू कर दिया है जो 18 मीटर कम हो गई है और 2024 तक हम पूरी लैंडफिल साइट का प्रबंधन कर लेंगे. हमारे स्मार्ट स्कूल, डिस्पेंसरी, ओपन जिम, डिजिटलाइजेशन आदि को देखें. अरविंद केजरीवाल के पास महिलाओं के लिए केवल एक डिस्पेंसरी है और हमारे पास महिलाओं के लिए 123 वकिर्ंग डिस्पेंसरी हैं.