सुषमा स्वराज का निधन: याद कर रो पड़ी भारतीय जनता पार्टी की सांसद रमा देवी
सुषमा को दिल का दौरा पड़ने के बाद एम्स में भर्ती कराया गया था. उन्होंने अपने अंतिम ट्वीट में कश्मीर पर सरकार के कदम के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी थी. उन्होंने कहा था कि वह इस दिन का पूरे जीवनभर इंतजार कर रही थीं. बता दें कि पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का मंगलवार देर रात एम्स में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. सुषमा जी 67 साल की थी.
सुषमा स्वराज के निधन से भारतीय जनता पार्टी ही नहीं, बल्कि विरोधी दलों के नेता भी से स्तब्ध हैं. लोगों को यकीन नहीं हो रहा है कि अचानक कैसे यह सब हो गया. हर नेता अपनी प्रतक्रिया दे रहे हैं. सुषमा के निधन पर उन्हें को याद करते हुए बिहार के शिवहर से बीजेपी सांसद रमा देवी भावुक हो गई.सुषमा स्वराज को याद करते हुए रमा देवी ने कहा कि 'मैं उनके आत्मा की शांति की प्रार्थना करती हूं. उनका प्रेम और प्यार हमेशा मेरे साथ था. जब तक मेरी सांस चलेगी, मैं उनसे जुड़ी रहूंगी.' इतना कहते समय उनके आंखो से आंसू बह रहे थे.
सुषमा को दिल का दौरा पड़ने के बाद एम्स में भर्ती कराया गया था. उन्होंने अपने अंतिम ट्वीट में कश्मीर पर सरकार के कदम के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी थी. उन्होंने कहा था कि वह इस दिन का पूरे जीवनभर इंतजार कर रही थीं. बता दें कि पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का मंगलवार देर रात एम्स में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. सुषमा जी 67 साल की थी. पीएम मोदी ने उन्हें अपने पहले कार्यकाल में विदेश मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी थी जिसमें वह डिस्टिंक्शन से पास हुई. एक ट्वीट पर वह देश-विदेश ले लोगों की मदद किया करती थी. उनके उस काम को विरोधियों ने भी सराहा.
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सुषमा स्वराज ऐसी नेता थी जिन तक आसानी से पहुंचा जा सकता था. उनकी छवि एक ऐसे विदेश मंत्री के रूप में बन गई थी जो सोशल मीडिया के जरिए सूचना मिलते ही विदेश में फंसे किसी भारतीय की मदद के लिए तुरंत सक्रिय हो जाती थीं. वह इंदिरा गांधी के बाद देश की दूसरी महिला विदेश मंत्री थीं. स्वराज को हरियाणा सरकार में सबसे युवा कैबिनेट मंत्री होने का श्रेय भी मिला था.
सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) ने 2019 का लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2019) नहीं लड़ा था. स्वराज ने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए चुनाव लड़ने से मना कर दिया था. सुषमा स्वराज ने 2009 और 2014 में मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के विदिशा से चुनाव जीतकर सांसद बनी थीं.