बीजेपी UNHRC में जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर भारत की जीत को लेकर आश्वस्त
सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को भरोसा है कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के झूठ के खिलाफ भारत के रुख की प्रशंसा करेगी.
नई दिल्ली: सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी(BJP) को भरोसा है कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के झूठ के खिलाफ भारत के रुख की प्रशंसा करेगी. भाजपा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को निष्प्रभावी करना और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटना संसदीय प्रक्रिया के तहत किया गया, जो कि देश का आंतरिक मामला है. भाजपा सांसद व पब्लिक पॉलिसी रिसर्च सेंटर थिंकटैंक के प्रमुख विनय सहस्रबुद्धे ने कहा, "संसद ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया, जो भारत के फैसले (अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी करने) का समर्थन करता है। राष्ट्र का मूड सरकार के साथ है. इसलिए जब मामले को यूएनएचआरसी में ले जाया जाएगा तो भारत की सर्वसम्मति की आवाज को संज्ञान में लिया जाएगा और कश्मीर पर भारत के रुख का वैश्विक समुदाय सराहना करेगा. पाकिस्तान यूएनएचआरसी में जम्मू-कश्मीर के मुद्दे को उठाकर उसे अंतर्राष्ट्रीय बनाने की कोशिश कर रहा है.पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी यूएनएचआरसी सत्र में मामले को उठाने के लिए जेनेवा में होंगे. यह सत्र आज से शुरू हो रहा है.
भाजपा नेता ने भरोसा जताया, "यूएनएचआरसी में हमारा रुख नहीं बदलेगा। कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और धारा 370 को निष्प्रभावी करने का फैसला एक आंतरिक मामला है और यूएनएचआरसी में भी यही रुख रहेगा. भाजपा पहले से ही सरकार के फैसले को मतदाताओं को समझाते हुए और भारत के रुख को एक मजबूत मामला बनाते हुए कहा कि यह भारत का एक 'आंतरिक मामला' है और अगर किसी भी चीज को हल करना है तो उसे द्विपक्षीय रूप से किया जाना चाहिए. यह भी पढ़े: कश्मीर पर तेवर दिखाने वाले इमरान खान पड़े ठंडे, कहा ’पाक पहले शुरू नहीं करेगा युद्ध, इससे नहीं होता समस्या का समाधान’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद रविवार को भाजपा की एक रैली में भारत के कश्मीर पर आक्रामक रुख का जिक्र करते हुए कहा, "भारत अब किसी भी चुनौती का सामना कर सकता है."केंद्रीय सूचना व प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि भारत का महत्व अंतर्राष्ट्रीय तौर पर बढ़ा है. पाकिस्तान, भारत के संविधान के अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी किए जाने का अंतर्राष्ट्रीयकरण करने की कोशिश कर रहा है और यूएनएससी में अगस्त में भारत के खिलाफ माहौल बनाने की उसने कोशिश की। हालांकि, वह ऐसा करने में विफल रहा.