भोपाल, 20 जनवरी: मध्यप्रदेश में अब बर्ड फ्लू नई समस्या बनती जा रही है और वह पक्षियों के लिए मुसीबत बनकर तो आई ही है साथ में कुक्कुट कारोबार (Poultry business) पर भी असर पड़ने के आसार बनने लगे हैं. राज्य के 52 में से 32 जिलों के कौओं और अन्य जंगली पक्षियों में बर्ड फ्लू (Bird Flu) की पुष्टि हो चुकी है वहीं तीन जिलों की कुक्कुट सामग्री में भी बर्ड फ्लू पाया गया है. कुल मिलाकर राज्य के 75 फीसदी जिलों तक बर्डफ्लू पहुंच चुका है. चिंता इस बात की सताने लगी है कि यह कहीं और आगे न बढ़ जाए. राज्य में एक तरफ जहां कोरोना का संकट बना हुआ है, वहीं वैक्सीन के आने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली है, मगर इसी बीच बर्डफ्लू की दस्तक और उसके बाद हो रहे विस्तार का क्रम बना हुआ हैं. कौओं और जंगली पक्षियों की मौत का दौर जारी है तो वहीं कुक्कुट कारोबार भी इससे पूरी तरह अछूता नहीं है. इसी बात से कुक्कुट कारोबार पर चिंता की लकीरें उभरी हुई है.
पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल ने बर्ड फ्लू से अप्रभावित जिलों को सावधानी और सतर्कता बढ़ाने के निर्देश दिये हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में कौओं की मृत्यु से आरंभ हुआ बर्ड फ्लू तीन जिलों के पोल्ट्री सहित 32 जिलों में पहुंच चुका है. ये जिले हैं इंदौर, आगर, नीमच, देवास, उज्जैन, खंडवा, खरगोन, गुना, शिवपुरी, राजगढ़, शाजापुर, विदिशा, दतिया, अशोकनगर, बड़वानी, भोपाल, होशंगाबाद, बुरहानपुर, छिन्दवाड़ा, डिंडोरी, मण्डला, सागर, धार, सतना, पन्ना, बालाघाट, श्योपुर, छतरपुर और रायसेन. पटेल ने आगे बताया कि झाबुआ, हरदा और मंदसौर में पोल्ट्री में वायरस मिलने से मुर्गियों की कलिंग (मारना) भारत शासन द्वारा जारी एडवाइजरी के अनुसार की गई है.
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ज्ञात हो कि झाबुआ के कड़कनाथ में भी बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई और बड़ी मात्रा में कुक्कट सामग्री को नष्ट किया गया है. यहां से क्रिकेटर महेंद्र सिंह धौनी के फार्म हाउस को कड़कनाथ के चूजों की आपूर्ति की जाना थी. पोल्ट्री कारोबार में बर्डफ्लू ज्यादा न फैले इसे रोकना बड़ी चुनौती बना हुआ है. यही कारण है कि राज्य के पशुपालन मंत्री ने अप्रभावित जिलों के पोल्ट्री व्यवसाइयों से अपील की है कि वे पूर्ण सतर्कता बरतें. पक्षियों अथवा मुर्गियों में अप्राकृतिक मृत्यु की सूचना मिलते ही तत्काल अपने जिले के कंट्रोल-रूम को सूचित करें.
पटेल ने पशुपालन विभाग के अधिकारियों को एवियन इन्फ्लूएंजा के बचाव और रोकथाम नियंत्रण का भरपूर प्रचार-प्रसार करने के निर्देश देते हुए कहा कि जलाशयों एवं अभयारण्यों पर भी निगरानी रखें. आकस्मिकता की स्थिति से निपटने के लिये आवश्यक पीपीई किट्स डिसइनफेक्टेन्ट, उपकरण, दवाइयों का स्टॉक आदि तैयारियां चाक-चौबंद रखें. प्रदेश में अब तक 3,890 कौओं और जंगली पक्षियों की मृत्यु हो चुकी है. विभिन्न जिलों से 453 सैंपल राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग अनुसंधान प्रयोगशाला, भोपाल को जांच के लिये भेजे जा चुके हैं. प्रभावित जिलों में बर्ड फ्लू रोग नियंत्रण की कार्यवाही और सर्विलांस का कार्य जारी है.