पटना: बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय (Former DGP Gupteshwar Pandey) इन दिनों अपने नए अवतार को लेकर सुर्खियों में बने हुए हैं. उन्हें बिहार विधानसभा चुनाव में जेडीयू से टिकट ना मिलने पर वे पार्टी में जरूर है, लेकिन वे राजनीतिक पार्टियों नहीं दिख रहे हैं. बल्कि वे अब कथा वाचक बन गए हैं, दरअसल अधिकारी से राजनेता बनने के बाद अब उन्होंने धर्म-अध्यात्म की दुनिया में प्रवेश कर लिया है और वे लोगों को कथा सुनाने के साथ ही लोगों को कानून की धाराएं भी समझा रहे हैं.
पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय के बारे में यूं कहें कि ‘रॉबिनहुड’ से ‘कथावाचक’ हो गए हैं. खबरों के अनुसार कथा सुनने के लिए एक पोस्टर जारी कर जूम आईडी और पासकोड दिया गया है. उन्होंने बकायद यह भी लिखा है कि यह कथा दोपहर के 2 बजे से तीन बजे तक होगी. जिसे इच्छा हो वह जुड़ सकता है. यह भी पढ़े: Bihar Assembly Election 2020: जेडीयू-बीजेपी से टिकट न मिलने के बाद बोले गुप्तेश्वर पांडेय- बिहार की जनता को मेरा जीवन समर्पित
बता दें कि मुंबई में फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के ख़ुदकुशी मामले में रिया चक्रवर्ती को लेकर चर्चा में रहने वाले पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय बिहार विधानसभा चुनाव से पहले बिहार पुलिस से वीआरएस लेने के बाद वे जेडीयू में शामिल हुए. उन्हें उम्मीद थी कि जेडीयू से उन्हें टिकट मिलेगा. लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिलने पर वे चुनाव नहीं लड़ सके. जिसके चलते उन्हें मायूस होना पड़ा.
गुप्तेश्वर पांडेय 1987 बैच के आईपीएस ऑफिसर हैं. वे मूल रूप से बिहार के बक्सर जिले के रहने वाले हैं. उन्होंने बतौर एएसपी, एसपी, एसएसपी, आईजी, आईजी और एडीजी के रूप में बिहार के अलग- अलग 26 जिलों में सेवा दे चुके हैं. हर जिलों में उनकी अपराध रोकने को लेकर हर संभव कोशिश रही हैं.