पटना, 4 दिसंबर: अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर निर्माण के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) (BJP) के बिहार (Bihar) में गांव-गांव से चंदा इकट्ठा करने के फैसले पर अब राजनीति शुरू हो गई है. वैसे, भाजपा ने कहा कि ट्रस्ट और श्रद्धालुओं के बीच वह सेतु का काम करेगी. इस बीच, यह भी कहा जा रहा है कि भाजपा इसके बहाने गांवों में अपने आधार को और मजबूत करने में जुटी है. बिहार भाजपा की दो दिन पहले हुए एक बैठक में फैसला हुआ है कि पार्टी अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए धन जुटाएगी, जिसे बाद में राम मंदिर ट्रस्ट को सौंप दिया जाएगा.
भाजपा के प्रवक्ता अरविंद सिंह (Arvind Singh) कहते हैं कि भाजपा श्रद्धालुओं तथा दानकर्ताओं और राम मंदिर ट्रस्ट के बीच सेतु का काम करेगी. पार्टी के छोटे-बड़े सभी नेता राम मंदिर निर्माण में अपनी ओर से राशि देकर सहयोग करेंगे. साथ ही अपने-अपने इलाके में लोगों से भी जनसहयोग लेंगे. पार्टी की निचली इकाई यानी बूथ व मंडल स्तर के नेता-कार्यकर्ता लोगों से इस काम के लिए राशि मांगेंगे. यह भी पढ़े: Ayodhya Ram Mandir Trust: राम मंदिर ट्रस्ट को निर्वाणी अखाड़ा प्रमुख महंत धर्मदास ने बताया अवैध, केंद्र सरकार को भेजा कानूनी नोटिस.
सिंह ने बताया कि भगवान राम आस्था और स्वभिमान के प्रतीक हैं. राम की कल्पना को चरितार्थ कर लोग उनके आदशरें पर चलने की कोशिश करते है. उन्होंने कहा कि अगर कोई स्वेच्छा से अयोध्या में बन रहे श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए दान देना चाहता है तो उसे लेकर ट्रस्ट तक पहुंचा देने में क्या बुराई है.
उन्होंने कहा कि राम मंदिर जनभावना का प्रतीक है. तमाम बाधाओं के बाद राममंदिर का निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ है. इधर, राजद के प्रवक्ता भाजपा के इस फैसले पर कटाक्ष कर रही है. राजद (RJD) के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी (Mrutyunjay Tiwary) कहते हैं कि भगवान राम सभी के आराध्य हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा राम के नाम पर हमेशा राजनीति करती है.
उन्होंने कहा कि भाजपा बेरोजगारी दूर करने की बात नहीं करती, रोजगार निर्माण कब होगा इसकी बात नहीं करती. उन्होंने कहा कि भाजपा के नेताओं को पहले राम के आदशरें का पालन करना चाहिए. इधर, कहा जा रहा है कि अगले साल होने वाले पंचायत चुनाव के मद्देनजर भाजपा गांवों में अपनी पकड़ को और मजबूत करना चाहती है, जिस कारण इसी बहाने वह पंचायतों के घर-घर तक पहुंचने के प्रयास में जुटी हैं.