चुनाव से पहले वोटर लिस्ट पर बड़ा अभियान: बिहार में SIR का 66% काम पूरा, 5 करोड़ से ज्यादा वोटर्स ने जमा कराए फॉर्म
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग वोटर लिस्ट का गहन पुनरीक्षण (SIR) करवा रहा है. विपक्षी दलों के विरोध के बावजूद, यह काम तेजी से चल रहा है और दो-तिहाई से ज्यादा पूरा हो चुका है. इस अभियान में लाखों कर्मचारी और स्वयंसेवक शामिल हैं ताकि मतदाता सूची को समय पर अपडेट किया जा सके.
Bihar Election 2025: बिहार में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज हो गई हैं. चुनाव से पहले, चुनाव आयोग यह पक्का करना चाहता है कि वोटर लिस्ट (मतदाता सूची) में कोई गड़बड़ी न हो. इसी के लिए एक बड़ा अभियान चलाया जा रहा है, जिसे 'वोटर लिस्ट का विशेष गहन पुनरीक्षण' यानी एसआईआर (SIR) कहते हैं. इसका सीधा सा मतलब है कि हर वोटर की जानकारी को फिर से जांचा और परखा जा रहा है.
हालांकि, विपक्ष को चुनाव आयोग का यह फैसला रास नहीं आ रहा है और वे इसका सड़क से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक विरोध कर रहे हैं.
विवादों के बीच काम की तेज रफ्तार
लेकिन इन विवादों के बीच, जमीन पर यह काम बहुत तेजी से चल रहा है. आपको जानकर हैरानी होगी कि सिर्फ 16 दिनों (24 जून से 10 जुलाई तक) में ही दो-तिहाई काम पूरा हो चुका है. चुनाव आयोग की टीमों ने अब तक 66% से ज्यादा गणना फॉर्म भरकर जमा भी करा लिए हैं.
बिहार में कुल करीब 7.90 करोड़ वोटर हैं. 10 जुलाई तक 5.22 करोड़ से ज्यादा वोटरों से फॉर्म भरवाए जा चुके हैं, जबकि फॉर्म जमा करने की आखिरी तारीख में अभी भी 15 दिन बाकी हैं.
लाखों लोग जुटे हैं इस महा-अभियान में
यह काम कितना बड़ा है, इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि इसमें लाखों लोग जुटे हुए हैं.
- चुनाव आयोग के लगभग 78,000 बूथ लेवल अफसर (बीएलओ) और उनके साथ 20,000 से ज्यादा विशेष रूप से नियुक्त बीएलओ घर-घर जा रहे हैं.
- उनकी मदद के लिए करीब 4 लाख वॉलंटियर्स भी काम कर रहे हैं.
- अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों के डेढ़ लाख से ज्यादा बूथ लेवल एजेंट (बीएलए) भी इस काम में पूरा सहयोग कर रहे हैं.
साफ है कि एक तरफ जहां राजनीतिक दल इस प्रक्रिया पर सवाल उठा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर चुनाव आयोग इसे समय पर पूरा करने के लिए पूरी ताकत से जुटा हुआ है.