बिहार: 'साइकिल गर्ल' ज्योति ने पेश की एक और मिसाल, पुरस्कार में मिली राशि से कराई बुआ की शादी, फिर जीता सबका दिल
लॉकडाउन में अपने पिता को साइकिल पर बिठाकर करीब 1200 किलोमीटर का सफर तय कर घर पहुंचने वाली साइकिल गर्ल ज्योति कुमारी एक बार फिर सुर्खियों में आ गई है. ज्योति ने पुरस्कार में मिली राशि से अपनी चचेरी बुआ की शादी करवा कर एक और मिसाल पेश की है. ऐसा करके ज्योति ने एक बार फिर सबका दिल जीत लिया है और हर कोई उसकी सराहना कर रहा है.
दरभंगा: लॉकडाउन (Lockdown) में अपने पिता को साइकिल (Cycle) पर बिठाकर करीब 1200 किलोमीटर का सफर तय कर घर पहुंचने वाली साइकिल गर्ल ज्योति (Cycle Girl Jyoti) एक बार फिर सुर्खियों में आ गई है. साइकिल गर्ल (Cycle Girl) ज्योति ने एक और मिसाल पेश की है, जिसे जानने के बाद पूरे देश को ज्योति कुमारी (Jyoti Kumari) पर नाज होगा. दरअसल, बीमार पिता को साइकिल पर बिठाकर घर लाने वाली ज्योति ने पुरस्कार में मिली राशि (Prize Money) से 50 हजार रुपए खर्च कर अपनी चचेरी गरीब बुआ की शादी कराई है. इनाम की राशि से चचेरी बुआ की शादी करवा कर ज्योति ने हर किसी को हैरान कर दिया है, जिससे एक बार फिर पूरा गांव उसका कायल हो गया है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार, साइकिल गर्ल ज्योति की चचेरी विधवा दादी लीला देवी लकवा से पीड़ित हैं, उनकी हालत देख ज्योति ने चचेरी दादी की बेटी कविता कुमारी की शादी कराने का फैसला किया. इसके लिए ज्योति ने अपने पिता से बात की और इनाम में मिली रकम में से 50 हजार रुपए शादी कराने के लिए खर्च कर दिए. कविता की शादी समस्तीपुर जिले के खानपुर थाना क्षेत्र में रहने वाले अरविंद पासवान के साथ श्यामा मंदिर में संपन्न हुई है.
ज्योति के पिता मोहन पासवान का कहना है कि ज्योति ने ही उन्हें कविता की शादी कराने का सुझाव दिया था. ज्योति ने पिता से कहा था कि आज हमारे पास जो कुछ है वो बहुत है. हमें एक गरीब बेटी की शादी करानी चाहिए, इसलिए इनाम की रकम के कारण ही रिश्ते में ज्योति की चचेरी बुआ की शादी संपन्न हो पाई है. बता दें कि ज्योति के इस कदम की हर कोई सरहना कर रहा है और करे भी क्यों न आखिर ज्योति ने अपने इस कारनामे से एक बार फिर सबका दिल जो जीत लिया है. यह भी पढ़ें: गुरुग्राम से अपने घायल पिता को साइकिल पर बैठा 15 वर्षीय लड़की बिहार के दरभंगा पहुंची, लॉकडाउन के चलते 1200 किलोमीटर का सफर किया तय
गौरतलब है कि कोरोना वायरस के खिलाफ जब देश में लॉकडाउन किया गया, तब भारी तादात में प्रवासी मजदूर पैदल चलकर अपने घरों की ओर पलायन करने पर मजबूर हो गए थे. इस बीच ज्योति ने भी अपने बीमार पिता को साइकिल पर बिठाकर गुरुग्राम से दरभंगा स्थित सिरहुल्ली गांव तक का सफर तय किया था. करीब 1200 किलोमीटर तक साइकिल चलाकर वो अपने पिता के साथ घर लौटी थी, जिसके बाद इस साइकिल गर्ल के साहस की दुनिया भर में सराहना की गई. इतना ही नहीं ज्योति की कहानी को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी इवांका ने भी ट्विटर पर शेयर किया.