Bharat Bandh 2024: बिहार के पटना में भीम आर्मी कार्यकर्ताओं ने भारत बंद का किया आह्वान, जबरन बंद कराई दुकानें; VIDEO
बिहार के पटना में जहां भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने गांधी मैदान के आसपास की दुकानों को जबरन बंद कराया, तो वहीं झारखंड के गोड्डा में बंद के दौरान एंबुलेंस जैसी आपातकालीन सेवाओं को गुजरने दिया गया.
Bharat Bandh 2024: एससी, एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर और उप-वर्गीकरण लागू करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में अनुसूचित जाति, जनजाति मोर्चा और भीम आर्मी द्वारा बुलाए गए भारत बंद का देश भर में मिलाजुला असर देखने को मिल रहा है. इस बंद का समर्थन विभिन्न राजनीतिक दलों ने भी किया है, जिससे इसका प्रभाव कई शहरों में स्पष्ट रूप से देखा जा रहा है. बिहार के पटना में जहां भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने गांधी मैदान के आसपास की दुकानों को जबरन बंद कराया, तो वहीं झारखंड के गोड्डा में बंद के दौरान एंबुलेंस जैसी आपातकालीन सेवाओं को गुजरने दिया गया.
भारत बंद को लेकर राजस्थान के टोंक में बैरवा धर्मशाला से शुरू होकर अंबेडकर खेल स्टेडियम तक बड़ी रैली निकाली गई. इस दौरान बाजार बंद रहे और जगह जगह पुलिस की तैनाती देखी गई.
ये भी पढ़ें: Akhilesh Yadav on Bharat Bandh: भारत बंद को लेकर अखिलेश यादव ने कहा, बेलगाम सरकार पर लगाम लगाते हैं जन आंदोलन
पटना में जबरन बंद कराई लोगों की दुकानें
गोड्डा में बंद के दौरान एंबुलेंस को दिया गया पास
राजस्थान के टोंक में निकली गई रैली
छत्तीसगढ़ के कवर्धा में भारत बंद का असर कम देखने को मिला. यहां चैंबर ऑफ कॉमर्स जिसमें छोटे व्यापारी और अन्य व्यापारिक संगठन शामिल हैं, ने भारत बंद का समर्थन नहीं किया. चैंबर ने कहा कि व्यापारिक संगठनों में बिना पूर्व सूचना के समर्थन न करने की परंपरा है, जिसके चलते कवर्धा में भारत बंद का असर सीमित रहा. इसके अलावा उत्तर प्रदेश के हरदोई में भी भारत बंद का असर नहीं देखने को मिला. यहां आम दिनों की तरह दुकानें खुली रहीं. भारत बंद को लेकर पुलिस हाई अलर्ट पर है. शहर के हर चौराहे पर पुलिस बल तैनात है. अमरोहा में बंद समर्थकों ने हाथों में नीले झंडे और तिरंगा लेकर जोरदार प्रदर्शन किया.
बता दें, सुप्रीम कोर्ट में काफी लंबे समय से सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने के लिए एससी, एसटी वर्ग को सब कैटेगरी में रिजर्वेशन दिए जाने की मांग का मामला लंबित था. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 1 अगस्त को बड़ा फैसला सुनाते हुए 2004 के अपने ही पुराने फैसले को पलट दिया. इसके बाद कोर्ट ने पंजाब अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग अधिनियम, 2006 और तमिलनाडु अरुंथथियार अधिनियम पर अपनी मुहर लगाते हुए कोटे के भीतर उप-श्रेणियों को मंजूरी दे दी थी.
एजेंसी इनपुट के साथ...